Wrestling Federation Of India: खेल मंत्रालय ने नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती संघ और उसके अध्यक्ष संजय सिंह को रविवार को अगले आदेश तक निलंबित कर दिया। नवनिर्वाचित भारतीय कुश्ती संघ के निलंबन की खबर सामने आने के बाद संजय सिंह ने मीडिया से कहा, ‘मैं यात्रा कर रहा था। पहले मैं चिट्ठी पढ़ूंगा। उसके बाद ही कोई टिप्पणी करूंगा’।
वहीं सरकार के इस फैसले के दो दिन पहले अपना पद्मश्री सम्मान सरकार को लौटाने वाले बजरंग पुनिया ने खुशी जाहिर की है। एक टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा, जो भी ये फैसला लिया गया है, ये बिलकुल ठीक फैसला है। हमारी बहन बेटियों के साथ जो अत्याचार हुआ, जिन लोगों ने किया उन लोगों को फेडरेशन से हटाना चाहिए।’
वहीं कुश्ती खिलाड़ी विनेश फोगाट ने एक निजी चैनल से बात करते हुए कहा, ‘ये अच्छी खबर है। हम चाहेंगे कि इस पद पर कोई महिला आनी चाहिए ताकि ये संदेश जाए कि महिलाएं आगे बढ़ें। जो भी हो कोई अच्छा आदमी आना चाहिए।’
कौन हैं संजय सिंह?
संजय सिंह पूर्व WFI चीफ बृजभूषण शरण सिंह के करीबी हैं। RSS से जुड़े संजय सिंह मूल रूप से उत्तर प्रदेश चंदौली जिले के रहने वाले हैं और बृजभूषण शरण सिंह के करीबी सहयोगी हैं। इस समय वो वाराणसी में अपने परिवार के साथ रहते हैं।
संजय सिंह बबलू पिछले डेढ़ दशक से भी ज्यादा समय से कुश्ती संघ से जुड़े हैं और बृजभूषण शरण सिंह के काफी नजदीकी माने जाते हैं। वो 2008 से ही वाराणसी कुश्ती संघ के जिला अध्यक्ष हैं। संजय सिंह बबलू का 2009 में प्रदेश कुश्ती संघ के उपाध्यक्ष के रूप में चयन हुआ था।
संजय सिंह कई बार संघ की कार्य समिति में भी शामिल रह चुके हैं। इसके अलावा वह भारतीय कुश्ती संघ का नेतृत्व करने के लिए विदेश में भी दौरा कर चुके हैं। ऐसा कहा जाता है कि पूर्वांचल की महिला पहलवानों को आगे लाने में संजय सिंह बबलू का अहम किरदार रहा है।
बता दें, संजय सिंह ने अपनी बड़ी जीत के बाद कहा था कि यह देश के उन हजारों पहलवानों की जीत है, जिन्हें पिछले 7-8 महीनों में हार का सामना करना पड़ा है।