Sambhal News: उत्तर प्रदेश के संभल में हाल ही में बिजली चोरी को लेकर सर्च अभियान के दौरान मिले 46 साल पुराने शिव मंदिर के बाद से उसके आसपास के इलाकों से कई धार्मिक स्थलों का खुलासा हुआ है। प्रशासन को मंदिर के बाद बिलारी की रानी की बावड़ी मिली थी, जिसमें खुदाई काम जारी है। इस बीच ही संभल की सरथल चौकी के पास एक पुराना कूप मिला है, जो कि मृत्यु कूप बताया जा रहा है।
इलाके में कुआं मिलने को लेकर स्थानीय लोगों का कहना है कि इस कूप को मृत्यु कूप के तौर पर जाना जाता है। इसको लेकर दावा किया जाता है कि इस कुएं के जल से स्नान करने पर मोक्ष की प्राप्ति होने की संभावना है। प्रशासन को मिला ये मृत्यु कूप शाही जामा मस्जिद से 150 मीटर की दूरी पर है। इसके चलते प्रशासन ने खुदाई शुरू कर दी है।
जल से स्नान पर मोक्ष प्राप्ति का दावा
संभल में मिले इस मृत्यु कूप को लेकर आस-पास के लोगों का कहना है कि इस कुएं का जिक्र स्कंदपुराण में भी है। स्थानीय लोगों ने कहा है कि प्राचीन कूप के पास ही महामृत्युंजय तीर्थ भी स्थित है।
उनका कहना है कि दूसरे समुदाय के लोग इस तीर्थ की जमीन पर मालिकाना हक जताते रहे है। स्थानीय लोगों ने इस कूप का प्राचीन महत्व बताते हुए कहा कि इस कूप के जल से स्नान करने से मोक्ष प्राप्त होने की मान्यता थी।
स्कंदपुराण में मृत्यु कूप का जिक्र
संभल में 68 तीर्थों और 19 कूपों की खोज कर रही संभल की आज संभल में 19 कूपों में से एक मृत्यु कूप मिला है। ये कूप कई सालों पहले विलुप्त हो गया था। जिससे ढककर इस पर कूड़ा फेंका जा रहा था। कूप का वर्णन स्कंद पुराण में होने की बात भी कही गई है।
बता दें कि संभल में खोजबीन का यह सिलसिला सबसे पहले प्राचीन शिव मंदिर की खोज से शुरू हुआ। इस मंदिर में लंबे समय से पूजा पाठ बंद थी। मंदिर मिलने के बाद उसकी साफ-सफाई कर पूजा अर्चना की गई। बाद में इस मंदिर का नाम संभलेश्वर मंदिर रखा गया था।
इसके बाद ही मंदिर के नजदीक से दो कुएं भी, जिसमें कई खंडित मूर्तियां मिलीं थीं। इसके बाद मुस्लिम बहुल इलाके से राधा-कृष्ण का मंदिर मिला, जिसमें अब हिंदू समुदाय पूजा अर्चना कर रहा है। संभल में कुल 19 कूपों के बारे में जिक्र है। संभल से जुड़ी अन्य खबरों के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।