Akhilesh Yadav PDA Kanwar Yatra: उत्तर प्रदेश के तमाम इलाकों में इन दिनों सड़कों पर कांवड़ियों का हुजूम देखा जा सकता है। कांवड़ यात्रा राजनीतिक मुद्दा भी बनती रही है। 2017 में योगी आदित्यनाथ के मुख्यमंत्री बनने के बाद से बड़े पैमाने पर कांवड़ यात्रा शुरू हुई है लेकिन समाजवादी पार्टी भी अपनी कांवड़ यात्रा निकाल रही है। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता प्रदेश में कई जगहों पर कांवड़ यात्रा में शामिल हो रहे हैं। इसके अलावा पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की अध्यक्षता वाला एक ट्रस्ट इटावा में केदारेश्वर महादेव मंदिर को बनाने में भी जोर-शोर से जुटा हुआ है।

अखिलेश यादव ने खुद अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से कांवड़ यात्रा के वीडियो को पोस्ट किया। इसमें एक गाड़ी में मंदिर का प्रतीक बनाया गया है। गाड़ी में लगे बैनर में समाजवादी PDA द्वारा विशाल कांवड़ यात्रा लिखा गया है।

‘उपद्रवियों के पोस्टर लगेंगे, किसी को नहीं बख्शेंगे’

इसमें भगवान शंकर के साथ ही पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव, राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव और पार्टी नेताओं की फोटो लगी है और पार्टी के कार्यकर्ता वाहन को खींच कर ले जा रहे हैं।

PDA से मतलब पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक से है। इस फ़ॉर्मूले के दम पर सपा को 2024 के लोकसभा चुनाव में यूपी में बड़ी जीत मिली थी और उसने बीजेपी को पीछे छोड़ दिया था।

16 जुलाई को समाजवादी पार्टी के 15 कार्यकर्ताओं ने उत्तराखंड के हरिद्वार से कांवड़ यात्रा शुरू की। वे यहां से जल लेकर नोएडा के एक शिव मंदिर में जाएंगे। इस गाड़ी में बड़े-बड़े म्यूजिक सिस्टम और बैनर लगे हुए हैं। अखिलेश यादव ने इस वीडियो को ट्वीट करते हुए कहा कि जनकल्याण की कामना से समाजवादियों की कांवड़ यात्रा शुरू हो गई है। सपा का कहना है कि यह सिर्फ आस्था की बात है।

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‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण’ के आरोपों का जवाब

सपा के मुताबिक, PDA कांवड़ यात्रा का उद्देश्य बीजेपी के द्वारा उस पर लगातार लगाए जाने वाले ‘अल्पसंख्यक तुष्टीकरण’ के आरोपों का जवाब देना है। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी कहते हैं कि कांवड़ यात्रा आस्था का विषय है और इसमें सभी लोग भाग ले सकते हैं। वह कहते हैं कि बीजेपी कांवड़ यात्रा का इस्तेमाल केवल राजनीतिक मकसद से करती है।

इस हफ्ते की शुरुआत में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कैराना से सपा की सांसद इकरा हसन सहारनपुर में एक कांवड़ यात्रा शिविर में गई थी। यहां उन्होंने श्रद्धालुओं की सेवा की और उन्हें खाना परोसा था।

कांवड़ियों के लिए बनवाएंगे अलग कॉरिडोर

अखिलेश यादव ने 7 जुलाई को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा था कि अगर उत्तर प्रदेश में सपा की सरकार बनी तो वह कांवड़ रूट पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए एक डेडिकेटेड कॉरिडोर बनाएंगे। उन्होंने कहा था कि भाजपा सरकार ने कांवड़ियों के लिए जरूरी इंतजाम नहीं किए हैं। अखिलेश ने कहा था कि बीजेपी की सरकार 7000 करोड़ खर्च करके गोरखपुर लिंक रोड बनवा रही है लेकिन वे कांवड़ियों के लिए 1000 करोड़ का कॉरिडोर नहीं बना सकते।

बीजेपी ने इसका जवाब दिया और उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने यूपी में सपा की सरकार के दौरान राम भक्तों पर गोलीबारी और शिव भक्तों पर लाठीचार्ज करने का आरोप लगाया।

बताना जरूरी होगा कि इटावा में बन रहे केदारेश्वर महादेव मंदिर को 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले तैयार किया जाना है। यादव बहुल इलाके में 11 एकड़ जमीन पर यह मंदिर बनाया जा रहा है। अखिलेश ने इस मंदिर की नींव 2021 में रखी थी।

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