समाजवादी पार्टी (सपा) ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर कांग्रेस के साथ हाथ मिलाकर धोखा देने का आरोप लगाते हुए उनके नेतृत्व वाले जदयू-राजद-कांग्रेस महागठबंधन के लिए अपने दरवाजे बंद कर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव अकेले दम पर लड़ने की घोषणा कर दी।
सपा के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र सिंह यादव ने सोमवार को यहां पत्रकारों को बताया कि उनकी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना का ख्याल रखते हुए सपा संसदीय बोर्ड के महागठबंधन से नाता तोड़ लेने और अकेले अपने दम पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने को सहमति प्रदान कर दी है।
रामचंद्र की इस घोषणा के साथ यह स्पष्ट हो गया कि सपा संसदीय बोर्ड के महागठबंधन से नाता तोड लेने और अकेले दम पर बिहार विधानसभा चुनाव लड़ने के एलान के बाद राजद प्रमुख लालू प्रसाद और जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद यादव के सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर उन्हें मनाने का प्रयास असफल साबित हुआ।
रामचंद्र ने हालांकि अपनी पार्टी के बिहार की सभी 243 सीटों पर उम्मीदवार खड़ा किए जाने के बारे में अवगत कराया पर उन्होंने सपा, वामदलों और राकांपा द्वारा तीसरे मोर्चे के गठन की संभावनाओं को भी खारिज नहीं किया। उन्होंने कहा कि आगामी बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर तीसरे मोर्चे के गठन को लेकर उनकी वामदलों और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी से वार्ता जारी है तथा ऐसा संभव नहीं होने पर वह अकेले अपने दम पर चुनाव लड़ेगी।
रामचंद्र ने आरोप लगाया कि जनता परिवार के विलय की प्रक्रिया के दौरान ‘मुलायम चालीसा’ पढ़ने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आगामी बिहार विधानसभा चुनाव उनके नेतृत्व में लड़े जाने की घोषणा के बाद से कांग्रेस और उसकी अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी का गुणगान शुरू कर दिया है।
उन्होंने कहा कि केंद्र के कथित फांसीवादी व्यवस्था और सांप्रदायिक शक्तियों का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए उनकी पार्टी के नेता मुलायम सिंह यादव ने जनता परिवार को एकजुट करने का प्रयास किया, पर विलय प्रक्रिया पूरी होने पर बने धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन का नेता बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बनाया था।