उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता राम गोविंद चौधरी ने नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों का समर्थन किया है। उन्होंने कहा कि प्रदर्शन के दौरान जिन लोगों पर मुकदमा किया गया है, उनकी सरकार आने पर सारे मुकदमे वापस ले लिए जाएंगे। इसके साथ ही प्रदर्शनकारियों को पेंशन दिया जाएगा।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा, “यदि केंद्र और राज्य में हमारी सरकार आती है तो सीएए और एनआरसी का विरोध करने वाले प्रदर्शनकारियों को पेंशन देने का काम किया जाएगा। उन्होंने संविधान बचाने का काम किया है। संविधान बचाने के लिए आंदोलन किया है। प्रदर्शनकारियों को संविधान रक्षक का दर्जा दिया जाएगा। जिन लोगों को जेल हुई है या मौत हुई है, उन्हें मुआवजा दिया जाएगा। हमारी पार्टी किसी के नागरिकता पर सवाल नहीं खड़ा करती है। जब तक नागरिकता कानून को वापस लेने का फैसला नहीं किया जाता है, तब तक यह सत्याग्रह जारी रहेगा।”

सपा नेता ने अर्थव्यवस्था और रोजगार के मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा कि नौकरी देने की बजाय छीनी जा रही है। किसान आत्महत्या कर रहे हैं। अर्थव्यवस्था मंदी से गुजर रही है। ऐसे में मोदी सरकार एनआरसी, एनपीआर और सीएए के बहाने लोगों का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है। जो भी सरकार के इस कदम पर सवाल उठाता है, उसे पाकिस्तान जाने को कह दिया जाता है।

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गोविंद चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “भाजपा की सरकार विपक्ष के सवालों का जवाब देने में नाकाम हो गई है। इसलिए जो भी सत्र बुलाती है, उसमें पहले ही सब कुछ समेट कर भाग जाती है। पिछली बार भाजपा की सरकार ने प्रश्न काल में ही सारा बजट पास करवा लिया जो असंवैधानिक है। यह सरकार सदन का अपमान कर रही है। मुख्यमंत्री विषय से अलग हटकर बोलते हैं। ये सरकार विपक्ष की बात को सुनना नहीं चाहती है।”

उन्होंने आगे कहा, “जब आम लोगों ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन किया तो सरकार ने लाठी और गोली के सहारे दमन चक्र चलाया। ये सरकार बिल्कुल नाकाम हो गई है। कानून व्यवस्था की स्थिति बद से बदतर हो गई है। अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि दुनिया में महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले में उत्तर प्रदेश नंबर 1 हो गया है।”