कोरोना की दूसरी लहर के दौरान देशभर में ऑक्सीजन की किल्लत देखने को मिली थी। कई जगह पर ऑक्सीजन की कमी से मौत की खबरें भी आई थी। उत्तरप्रदेश में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत के मुद्दे पर जब राज्य के पूर्व मंत्री ने भाजपा को घेरते हुए कहा कि गंगा की बीच धारा में बैठकर भी झूठ बोला जा सकता है तो कुछ भी कहा जा सकता है। इसपर भाजपा नेता जगदंबिका पाल ने भी सपा नेता को जवाब दिया।
आजतक न्यूज चैनल पर आयोजित टीवी डिबेट के दौरान एंकर चित्रा त्रिपाठी के सवाल के जवाब में उत्तरप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री अंबिका चौधरी ने कहा कि प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री ने सदन में कहा कि राज्य में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई। इस दौरान उन्होंने टीवी चैनल की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि मीडिया रिपोर्ट में रोज दिखाया गया कि ऑक्सीजन की कमी से लोगों की मौतें हुई और लोग ऑक्सीजन के लिए लाइन में लगे रहे। लेकिन सरकार जवाब देती है कि कोई मरा नहीं। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर गंगा की बीच धारा में बैठकर भी झूठ बोला जा सकता है तो कुछ भी कहा जा सकता है।
सपा नेता के इस बयान पर जवाब देते हुए भाजपा नेता जगदंबिका पाल ने कहा कि महंगाई जैसा विषय जनता से जुड़ा हुआ है। स्पीकर ओम बिड़ला ने इस विषय को स्वीकार किया और छह दिन तक लोकसभा के एजेंडे में महंगाई पर चर्चा थी। उसके बावजूद सदन नहीं चलने दिया गया। चाहे समाजवादी पार्टी के सांसद थे, चाहे कांग्रेस पार्टी या तृणमूल कांग्रेस के सांसद थे। आप संसदीय लोकतंत्र में विश्वास रखते हैं, आप डिबेट डिस्कशन में विश्वास रखते हैं, क्या खाली सदन को व्यवधान होगा।
बता दें कि बीते दिनों उत्तरप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान कांग्रेस एमएलसी दीपक सिंह ने ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत की सूचना मांगी। इस सवाल के जवाब में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह ने कहा कि ऑक्सीजन की कमी से किसी की भी मौत होने की सूचना नहीं मिली है।
इससे पहले संसद में केंद्र सरकार ने भी कहा था कि देश में ऑक्सीजन की कमी से किसी की मौत नहीं हुई है। हालांकि बाद में विपक्षी दलों के हंगामे के बाद केंद्र सरकार ने कहा कि यह आंकड़ा राज्यों से मिली सूचना के आधार पर तैयार किया गया है। हालांकि शीतकालीन सत्र के दौरान ऑक्सीजन की कमी से हुई मौत को लेकर केंद्र सरकार ने कहा कि अभी तक सिर्फ पंजाब और अरुणाचल प्रदेश ने ही इससे जुड़ा आंकड़ा दिया है। पंजाब के अमृतसर में एक निजी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी से 4 मरीजों की मौत हुई।