विवादित बयानों की झड़ी लगाने वाले सैम पित्रोदा को कांग्रेस ने फिर ओवरसीज कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया है। कुछ समय पहले ही उन्होंने खुद इस पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अब कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के बाद फिर उन्हें जिम्मेदारी सौंप दी है। जारी बयान में कांग्रेस ने कहा है कि तत्काल प्रभाव से सैम पित्रोदा को फिर ओवरसीज अध्यक्ष बना दिया गया है।
सैम पित्रोदा इतनी चर्चा में क्यों?
अब सैम पित्रोदा वही शख्स हैं जिन्होंने लोकसभा चुनाव के वक्त कांग्रेस को काफी मुश्किलों में डाल दिया था। उनकी तरफ से विरासत टैक्स वाला सियासी बम भी फोड़ा गया था जिसने चुनाव का नेरेटिव ही बदल कर रख दिया। उसके बाद रंगभेद वाला बयान भी पित्रोदा की तरफ से ही आया जिसने फिर चुनाव में बीजेपी को हमला करने का बड़ा मौका दिया। उन्हीं विवादों की वजह से तब पित्रोदा ने खुद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन अब पार्टी ने उनके पद को बहाल कर दिया है।
पित्रोदा ने ऐसा क्या बोला था?
सैम पित्रोदा के विवादित बयानों की बात करें तो उन्होंने सबसे पहले विरासत टैक्स का जिक्र चुनाव के दौरान किया था। उनकी तरफ से कहा गया था कि अमेरिका में तो विरासत टैक्स चलता है। अगर किसी के पास 100 मिलियन डॉलर की भी संपत्ति है, तो उसके मरने के बाद 45 फीसदी अगर बच्चों के पास जाती है तो 55 फीसदी सरकार ले लेती है। ये काफी दिलचस्प कानून है। कानून कहता है कि आपको अपनी सारी संपत्ति बच्चे के लिए नहीं छोड़नी है, लेकिन आधी पब्लिक लिए छोड़ देनी चाहिए। भारत में तो ऐसा कोई कानून नहीं है। अगर 10 मिलियन भी कमा रहा है, मरने के बाद वो सारा पैसा बच्चों को मिलता है, पब्लिक के पास कुछ नहीं जाता। लोगों को इस पर डिबेट करनी चाहिए। अब मुझे नहीं पता कि निष्कर्ष क्या निकलेगा, लेकिन जब कांग्रेस संपत्ति बांटने की बात करती है, बात नए कानूनों की है। ये कानून आम आदमी के हित के होते हैं, सिर्फ अमीरों के हित के नहीं।
चुनाव में कांग्रेस को नुकसान?
इसके बाद पित्रोदा ने रंग को लेकर एक विवादित बयान देने का काम किया था। उन्होंने एक इंटरव्यू के दौरान बोला कि हमारे देश में पूर्वोत्तर के लोग चाइनीज जैसे दिखते हैं, पश्चिम के अरब जैसे हैं और दक्षिण के अफ्रीकी जैसे, लेकिन इससे कोई फर्क नहीं पड़ता, हम सभी भाई-बहन की तरह रहते हैं। अब इन्हीं बयानों की वजह से चुनाव का पूरा नेरेटिव बदला था और कांग्रेस को बीजेपी के कई मुश्किल सवालों का सामना करना पड़ा था।