Conference Of Saints In Prayagraj: प्रयागराज के संगम तट पर चल रहे माघ मेला (Magh Mela) में बुधवार को संतों ने भगवान बालाजी बागेश्वर धाम (Balaji Bageshwar Dham) के संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Sant Dhirendra Krishna Shastri) का पूरी तरह से समर्थन किया। संतों ने कहा कि वह हिंदू धर्म और संस्कार के विकास में लगे हुए हैं। कहा कि सनातन संस्कृति (Sanatan Culture) के विकास के लिए काम करने वाले हर संत का समर्थन है।

संतों ने कहा- चमत्कार सभी धर्मों के मूल में हैं

संतों ने कहा कि बागेश्वर के धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री अगर मानव विकास और समाज के उत्थान की बात कर रहे हैं तो इसमें किसी को आपत्ति क्यों है। कहा जिसको उनका कार्य जादू-टोना लगता हो, वह न माने, जिनको यह आस्था लगता है वह मानें। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि चमत्कार सभी धर्मों के मूल में हैं। बागेश्वर धाम के संत धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के पास भी चमत्कारी शक्ति है। उन्हें स्वीकार करना चाहिए। सभी धर्मों में आस्था और विश्वास की बातें कही गई हैं, लोगों को इस पर भरोसा होता है। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

विहिप ने कहा- लोक मान्यता में रामचरितमानस पूजनीय ग्रंथ है

रामचरित मानस को राष्ट्रीय ग्रंथ घोषित करने की बात पर संतों ने कहा इसे तुरंत किया जाना चाहिए। विश्व हिंदू परिषद के अंतरराष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने कहा कि लोक मान्यता में रामचरितमानस एक पूजनीय और आदरणीय ग्रंथ है। इसका सम्मान है।

तीर्थाटन को पर्यटन मंत्रालय से अलग करने की मांग

विश्व हिंदू परिषद (VHP) की अखिल भारतीय संत समिति (All India Sant Samiti) के महामंत्री जितेंद्रानंद सरस्वती (Jitendranand Saraswati) ने बुधवार को सरकार से मांग की कि तीर्थाटन (Pilgrimage) को पर्यटन मंत्रालय (Tourism Ministry) से अलग किया जाए, क्योंकि पर्यटन में शराब (Wine) और मांसाहार (Non Veg) चलेगा, लेकिन तीर्थ क्षेत्र में ये चीजें नहीं चलेंगी। यहां माघ मेला क्षेत्र में विहिप द्वारा आयोजित संत सम्मेलन (Saint Conference) में उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्र सरकार से मांग करते हैं कि तीर्थाटन को पर्यटन मंत्रालय से अलग किया जाए क्योंकि पर्यटन का लक्ष्य मौज है और तीर्थाटन का लक्ष्य है मोक्ष।’’

समलैंगिक संबंधों को न्यायालय द्वारा मान्यता दिए जाने पर उन्होंने कहा कि परिवार नाम की संस्था को समाप्त करने की यह साजिश है और इसके पीछे लोग तरह-तरह की दलील दे रहे हैं। जबलपुर के नरसिंह पीठाधीश्वर नरसिंह दास महाराज (Narasimha Pithadhishwar Narasimha Das Maharaj) ने कहा, ‘‘यदि संत समाज के लोग उन क्षेत्रों में जाकर चातुर्मास करेंगे जहां कई ईसाई मिशनरी द्वारा धर्मांतरण (Conversion) कराया जा रहा है, तो धर्मांतरण पर रोक लगेगी।’’

कार्यक्रम का संचालन कर रहे विश्व हिंदू परिषद के संत संपर्क प्रमुख अशोक तिवारी ने कहा, ‘‘यदि साधु संत सुदूर ग्रामीण आंचलिक क्षेत्रों में प्रवास करते रहेंगे तो आधी से अधिक समस्याएं स्वतः ही समाप्त हो जाएंगी। विहिप इन साधु संतों को ग्रामीण अंचलों में प्रवास करने के लिए कहेगी।’’

स्वामी प्रसाद मौर्य के बयान को हिंदुओं के खिलाफ साजिश कहा

सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य द्वारा रामचरितमानस (Ramcharitmanas) और गोस्वामी तुलसीदास (Goswami Tulsidas) पर टिप्पणी को लेकर जितेंद्रानंद सरस्वती (Jitendranand Saraswati) ने कहा, ‘‘ये नेता वर्ष 2024 के चुनाव को ध्यान में रखकर इस तरह की बयानबाजी कर रहे हैं ताकि हिंदुओं को आपस में बांटा जा सके।’’ संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए वासुदेवाचार्य जी महाराज (Vasudevacharya Ji Maharaj) ने कहा, ‘‘हम संत समाज के लोग एक बुकलेट तैयार कर गांव-गांव में जाएंगे और हिंदुओं के खिलाफ जो भी साजिश चल रही है, उनके बारे में लोगों को बताएंगे।’’