उत्तर प्रदेश में ‘किसान यात्रा’ लेकर निकले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की ‘खाट सभा’ पर केन्द्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने चुटकी ली है। फतेहपुर से सांसद और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री ने कहा- ”जो लोग डनलप मैट्रेस पर साेते हों, उन्हें कभी समझ नहीं आएगा कि एक गरीब के लिए खाट क्या मायने रखती है।” पिछले सप्ताह से ही केन्द्रीय मंत्री ने बांदा और सुल्तानपुर का दौरा कर चुनाव प्रचार शुरू कर दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल खाट सभा करके गरीबों का मजाक बना रहे हैं। उन्होंने कहा, ”सबसे पहली बात, उन्होंने मोदीजी की चाय पे चर्चा की पूरी तरह नकल की है। मोदीजी चाय बेचा करते थे, इसलिए उनके लिए सबकुछ नैचरल था लेकिन क्या राहुल ने कभी खाट इस्तेमाल की है? मुझे लगता है कि वह खाट सभा सिर्फ खाली जगह भने के लिए कर रहे हैं क्योंकि लोग उन्हें सुनने आएंगे नहीं और मैदान खाली नजर आएगा। उत्तर प्रदेश में खाट उन लोगों के लिए लग्जरी बन गई है जिनके पास मूल सुविधाएं नहीं है और इस पर चर्चा कर राहुल उनकी गरीबी का मजाक उड़ा रहे हैं। क्यों उन्होंने तब इस तरह काम किया जब उनकी सरकार थी, इन्हीं किसानोंं के पास कम से कम घर में खाट तो होती, जो वे अब उनकी रैली से लेकर जा रहे हैं।”
ज्याेति ने कहा कि वह अपने पार्टी के लिए खासतौर पर निषाद समुदाय के वोट जुटाने पर ध्यान दे रही हैं। ज्योति खुद इसी समुदाय से आती हैं, जिसमें मछुआरों और नदी किनारे काम करने लोगों की अच्छी-खासी संख्या है। उत्तर प्रदेश में निषाद ओबीसी लिस्ट में हैं, लेकिन दिल्ली में उन्हें अनुसूचित जातियों की सूची में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल मई में गंगा के लिए सोलर-पावर्ड नाव लॉन्च करते हुए निषादों तक अपनी बात पहुंचाई थी।
साध्वी ज्योति का कहना है कि वे समुदाय की बेहतरी के लिए पहले ही प्रधानमंत्री से मिल चुकी हैं। इकॉनमिक टाइम्स से बातचीत में ज्योति ने कहा- प्रधानमंत्री बेहद मददगार रहे। दलितों को कम से कम आरक्षण मिला और उनकी जिंदगी कुछ हद तक बेहतर हुई है, लेकिन निषाद जो कि अपनी पारंपरिक आजीविका खो चुके हैं, उनके पास शहरों की तरफ पलायन करने के सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं है। ”