दिग्‍गज क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर ने मसूरी में अपने दोस्‍त का रिसॉर्ट बचाने के लिए रक्षा मंत्री मदद मांगी थी। लेकिन रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने दखल देने से मना कर दिया। इकॉनॉमिक टाइम्‍स की रिपोर्ट के अनुसार मसूरी के लेंडॉर में सचिन के बिजनेस पार्टनर संजय नारंग का रिसॉर्ट है। यह रिसॉर्ट डिफेंस एंड रिसर्च डवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन(डीआरडीओ) के एक भवन के पास बना हुआ है। बताया जा रहा है कि रिसॉर्ट के निर्माण के दौरान नियमों का उल्‍लंघन हुआ।

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नियमानुसार सुरक्षा मामलों से जुड़ी बिल्डिंग्‍स के 50 फुट के दायरे में कोई निर्माण नहीं किया जा सकता है। लेकिन सचिन के दोस्‍त का रिसॉर्ट समर डेन डहलिया बैंक इसका उल्‍लंघन करता है। इस रिसॉर्ट के पास डीआरडीओ के संस्‍थान इंस्‍टीट्यूट ऑफ टेक्‍नॉलॉजी मैनेजमेंट है। संस्‍थान का कहना है कि नारंग ने टेनिस कोर्ट के निर्माण की अनुमति मांगी थी लेकिन यहां उन्‍होंने बिल्डिंग बना ली। इसके चलते यह निर्माण अवैध है।

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सचिन तेंदुलकर को क्रिकेट का भगवान कहा जाता है। क्रिकेट में जो कीर्तिमान उन्‍होंने रचे हैं उन्‍हें तोड़ पाना या बराबरी करना दुष्‍कर काम है। सबसे ज्‍यादा रन, शतक, अर्धशतक, मैच, मैन ऑफ द मैच और मैन ऑफ द सीरिज के रिकॉर्ड उनके नाम है। वे वर्ल्‍ड कप विजेता टीम के सदस्‍य रहे हैं। 28 साल पहले जब वे 15 साल के थे तो उन्‍होंने अपनी सीवी तैयार कराई थी। सात पन्‍ने की इस सीवी में सचिन ने स्‍कूल में किए गए प्रदर्शन का उल्‍लेख किया। लेकिन सोचिए बाद के 28 साल में उन्‍होंने क्‍या कुछ कर दिया और उसके बिना वह सीवी कैसे दिखेगा। आगे देखिए सचिन का सीवी:

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सचिन ने इस मामले को लेकर इतनी गंभीरता दिखाई कि पिछले साल उन्‍होंने ऑस्‍ट्रेलिया में छुट्टियों में कटौती कर दी थी। वहां से आकर वे सीधे पर्रिकर से मिलने गए। रक्षा मंत्री ने सचिन की बात को धैर्य से सुना लेकिन उन्‍होंने किसी तरह का दखल नहीं दिया। पर्रिकर ने सचिन की रिक्‍वेस्‍ट पर कोई कार्रवाई नहीं की।