S Jaishankar on Pakistan: विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत और आतंकवाद को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि अगर सीमा पार से आतंकी हमले जारी रहते हैं, तो इसके पाकिस्तान को और गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने यह भी कह दिया पाकिस्तान में आतंकवाद को वहां की सरकार और सेना का समर्थन हासिल है। उन्होंने कहा कि ऐसा नहीं हो सकता कि पाकिस्तान में आतंकवाद पल रहा है और वहां की सरकार को पता ही न हो।
दरअसल, नीदरलैंड्स में मीडिया से बातचीत करते हुए एक बार फिर एस जयशंकर ने भारत पाकिस्तान सीजफायर पर बयान दिया और कहा कि इसमें किसी भी तीसरे पक्ष की कोई भी भूमिका नहीं थी। विदेश मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव आपसी बातचीत के बाद ही खत्म हुआ है।
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डोनाल्ड ट्रंप बार-बार दे रहे सीजफायर पर बयान
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप बार-बार भारत पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता और सीजफायर का श्रेय लेने वाले बयान दे रहे हैं। गुरुवार को जब वे दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा से मिले थे तो भी उन्होंने भारत-पाक सीजफायर में अपनी भूमिका का उल्लेख किया था, हालांकि भारत लगातार किसी तीसरे पक्ष की भूमिका से इंकार करता रहा है।
बता दें कि विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये टिप्पणियां हेग में अपने तीन देशों के दौरे के दौरान कीं, जिसमें डेनमार्क और जर्मनी भी शामिल थे। क्या पाकिस्तानी सरकार की वहां के आतंकी ढांचे में कोई भूमिका है? इस सवाल के जवाब में एस जयशंकर ने कहा, “मैं यह सुझाव नहीं दे रहा हूं, मैं यह बता रहा हूं। मान लीजिए कि एम्स्टर्डम जैसे शहर के बीच में बड़े सैन्य केंद्र हैं, जहां सैन्य प्रशिक्षण के लिए हजारों लोग इकट्ठा होते हैं, तो क्या आप कहेंगे कि आपकी सरकार को इसके बारे में कुछ नहीं पता? बिल्कुल नहीं।”
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एस जयशंकर ने कहा कि हमें इस बात पर नहीं चलना चाहिए कि पाकिस्तान को नहीं पता कि क्या हो रहा है। संयुक्त राष्ट्र की प्रतिबंध लिस्ट में सबसे कुख्यात आतंकवादी सभी पाकिस्तान में हैं। वे बड़े शहरों में, दिनदहाड़े काम करते हैं। उनके आपसी संपर्क सभी को पता हैं। इसलिए हमें यह दिखावा नहीं करना चाहिए कि पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है। राज्य इसमें शामिल है। सेना इसमें पूरी तरह से शामिल है। हमें यह दिखावा नहीं करना चाहिए कि पाकिस्तान इसमें शामिल नहीं है।
पाकिस्तान के साथ हो सकता है स्थाई समाधान?
पाकिस्तान के साथ स्थायी समाधान के सवाल पर उन्होंने कहा कि हम आतंकवाद का निश्चित अंत चाहते हैं। इसलिए हमारा संदेश यह है कि हां, युद्ध विराम ने फिलहाल एक दूसरे के खिलाफ सैन्य कार्रवाइयों को समाप्त कर दिया है, लेकिन अगर पाकिस्तान से आतंकवादी हमले जारी रहे, तो इसके परिणाम होंगे। पाकिस्तानियों को यह बात अच्छी तरह समझनी चाहिए।
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जयशंकर ने कहा कि सरकार इस बात पर बहुत स्पष्ट है कि अगर ऐसा कोई हमला होता है, तो जवाब दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन जारी है क्योंकि उस ऑपरेशन में एक स्पष्ट संदेश है कि अगर 22 अप्रैल को हमने जैसी हरकतें देखीं, वैसी ही हरकतें होती हैं, तो जवाब दिया जाएगा, हम आतंकवादियों पर हमला करेंगे।
एस जयशंकर ने कहा, “जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, यह एक ऐतिहासिक तथ्य है कि 1947 में भारत और पाकिस्तान के अलग होने पर यह भारत में शामिल हुआ था। हमारा रुख यह है कि अवैध कब्जाधारियों को उनके अवैध कब्जे वाले हिस्से को उनके असली मालिक को वापस करना चाहिए और वह हम हैं।” उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ आतंकवाद और पाकिस्तान द्वारा कब्जाए गए कश्मीर पर ही बातचीत होगी।