विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने शनिवार (18 मार्च, 2023) को कहा कि लद्दाख में भारत और चीन के बीच स्थिति चुनौतीपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ जगहों पर स्थिति काफी नाजुक और खतरनाक है क्योंकि यहां दोनों देशों की सेनाएं काफी करीब हैं।
इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान चीन के साथ सीमा विवाद पर उन्होंने यह बात कही। उन्होंने कहा कि भारत और चीन के बीच रिश्ते तब तक सामान्य नहीं हो सकते, जब तक सिंतबर, 2020 में सीमा विवाद के बाद चीनी समकक्ष के साथ हुए समझौते का समाधान नहीं हो जाता है। उन्होंने आगे कहा कि चीन को वो करना है, जिस पर दोनों देशों के बीच सहमति बनी है। उन्होंने कहा कि हालांकि, कई क्षेत्रों से दोनों देशों की सेनाएं हट चुकी हैं, लेकिन कुछ बिंदुओं पर चर्चा अभी भी जारी है।
चीन के विदेश मंत्री से भी सीमा विवाद को लेकर हुई चर्चा
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने इस महीने भारत द्वारा आयोजित जी20 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक से इतर चीन के नए विदेश मंत्री किन गैंग के साथ स्थिति पर चर्चा की। इस साल जी20 की अध्यक्षता को लेकर जयशंकर ने उम्मीद जताई कि नई दिल्ली इस मंच को वैश्विक जनादेश के प्रति अधिक सत्य बना सकती है। उन्होंने कहा, “G20 केवल डिबेट का क्षेत्र नहीं होना चाहिए। वैश्विक चिंताओं की संपूर्णता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।” जयशंकर ने कहा, हम पहले ही इस बात को बहुत मजबूती से रख चुके हैं।
इस दौरान, एस. जयशंकर ने रूस और यूक्रेन युद्ध को लेकर भी बात की। युद्ध को खत्म करवाने में पीएम नरेंद्र मोदी की भूमिका को लेकर उन्होंने कहा कि असल दुनिया में आप कभी भविष्यवाणी नहीं कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि जब मैं न्यूयॉर्क में था, उस समय यूक्रेन के प्रधानमंत्री ने मुझसे मुलाकात की और न्यूकलियर प्लांट के मुद्दे पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि रूस और यूक्रेन मामले में भारत को जहां भी मौका मिलेगा, वहां मदद की पूरी कोशिश की जाएगी, लेकिन जरूरी ये है कि क्या रूस और यूक्रेन बातचीत के रास्त पर आने के लिए तैयार है।