रूस और यूक्रेन के बीच लगभग 24 दिनों से युद्ध जारी है। इस दौरान रूस यूक्रेन में भारी तबाही मचा चुका है। हालांकि इन दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध के दौरान ब्रिटेन और यूरोपीय देशों के हथियार बेचने का कारोबार चल पड़ा है। दरअसल माना जा रहा है कि अमेरिका हथियार बेचने के नजरिए से अपना लाभ देख रहे हैं।

इसको लेकर एक टीवी चैनल से बात करते हुए रिटायर लेफ्टिनेंट जनरल राकेश शर्मा ने कहा कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई में अमेरिका अपना फायदा देख रहा है। शर्मा ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि रूस और यूक्रेन की लड़ाई चलती रहे, जिससे उसका फायदा होता रहे।

उन्होंने कहा कि ये लड़ाई अमेरिका के लिए बेहद फायदेमंद रही है। शर्मा ने कहा कि पौलेंड ने अचानक 6 बिलियन डॉलर का टैंक खरीदने का फैसला किया है। ऐसे में अमेरिकी हथियारों की इंडस्ट्री की वाहवाही हो रही है। वो तो चाहते ही हैं कि ये युद्ध चलता रहे। वो दोनों हाथों से पैसा बटोर रहे हैं।

वहीं इस लड़ाई को खत्म करने को लेकर राकेश शर्मा ने कहा कि इस लड़ाई की कोई सीमा नहीं है, इसे सिर्फ डिप्लोमेसी से बंद किया जा सकता है।

राकेश शर्मा ने कहा कि रूस की सेना के हाथों को पीछे से बांध दिया गया है। लीबिया, अफगानिस्तान व बाकी जगहों पर जहां पूरे शहर को तबाह किया गया वहीं यूक्रेन में ऐसा देखने को नहीं मिल रहा है। क्योंकि पुतिन ने कहा है कि यूक्रेन के लोग मेरे लोग हैं और मेरे लोग यूक्रेन के लोग हैं। ऐसे में रूस की सेना को पूरी तरह से आजादी नहीं दी गई है। युद्ध को बंद करने का तरीका सिर्फ डिप्लोमेसी है।

वहीं सामरिक विशेषज्ञ सुशांत सरीन ने कहा कि इस युद्ध का पूरी दुनिया पर असर देखने को मिल रहा है। उन्होंने कहा कि पुतिन जैसा सोच रहे थे यूक्रेन उससे बेहतर सामना कर रहा है। क्योंकि पुतिन को अंदाजा नहीं था कि यूक्रेन रूस के सामने इस तरह टिकेगा।