भारत कच्चे तेल की खरीद के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश है। हमारे देश ने जुलाई में रूस से 2.8 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा है। इस लिहाज से भारत चीन के बाद रूसी तेल का सबसे बड़ा आयातक बना हुआ है। एक रिपोर्ट के मुताबिक रूस भारत के लिए कच्चे तेल का सबसे बड़ा सप्लायर बनकर उभरा है। इस तेल को रिफाइनरियों में पेट्रोल और डीजल जैसे ईंधन में बदला जाता है। यूक्रेन से युद्ध के बाद यूरोपीय देशों ने रूसी तेल से परहेज किया गया था, जिसके बाद रूस ने तेल खरीद में छूट दी थी।

रूस से तेल खरीद में बहुत आगे है भारत

सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनर्जी एंड क्लीन एयर (सीआरईए) ने एक रिपोर्ट में कहा कि चीन ने रूस के कच्चे तेल निर्यात का 47 प्रतिशत खरीदा, उसके बाद भारत (37 प्रतिशत), यूरोपीय संघ (सात प्रतिशत) और तुर्किये (छह प्रतिशत) रहा है। सिर्फ तेल ही नहीं, बल्कि चीन और भारत ने रूस से कोयला भी खरीदा है।

कोयले की खरीद में भी भारत आगे

एक रिपोर्ट के मुताबिक पांच दिसंबर, 2022 से जुलाई, 2024 के अंत तक चीन ने रूस के कुल कोयला निर्यात का 45 प्रतिशत खरीदा है। उसके बाद भारत ने 18 प्रतिशत की खरीद की है। वहीं तुर्किये ने 10 प्रतिशत दक्षिण कोरिया ने 10 प्रतिशत और ताइवान ने पांच प्रतिशत की खरीद की है।

रूस से तेल नहीं खरीदने का हुआ था फैसला, रिपोर्ट ने किया था दावा

मार्च के महीने में यह खबर आई थी कि भारत रूस से तेल की खरीद नहीं करेगा। ऐसा रूस और यूक्रेन की जंग के रहते हुआ था। हालांकि यह एक रिपोर्ट के हवाले से कहा गया था।

बहुत सारे पश्चिमी देशों ने रूस के साथ अपना नाता पहले ही तोड़ दिया है। कई देश पुतिन के राष्ट्र के साथ व्यापारिक सबंधों पर भी रोक लगा चुके हैं। भारत के सभी रिफाइनर ने पीजेएससी सोवकॉम्फ्लोट टैंकरों पर ले जाए जाने वाले रूसी कच्चे तेल को लेने से इनकार कर देने से जुड़ी खबर सामने आई थी।