आज से ठीक 90 साल पहले 1925 में विजयादशमी के दिन दो दर्जन से भी कम लोगों की उपस्थिति में शुरू हुआ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अब विश्व के सबसे बड़े सामाजिक-सांस्कृतिक संगठनों में से एक है। संघ परिवार में 80 से ज्यादा समविचारी या आनुषांगिक संगठन हैं। इससे जुड़ी भाजपा के 10 करोड़ सदस्य हैं। प्रधानमंत्री के साथ-साथ 11 राज्यों में मुख्यमंत्री भाजपा या सहयोगी दलों के हैं।
दादरी जैसी घटनाओं पर देश में पैदा नाराजगी के माहौल के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत ने आज कहा कि ‘‘छोटी छोटी घटनाएं’’ ‘हिंदू संस्कृति’ को नुकसान नहीं पहुंचा सकती । उन्होंने साथ ही देश में उम्मीद और विश्वास का माहौल पैदा करने तथा विदेश में भारत की प्रतिष्ठा मजबूत करने के लिए मोदी सरकार की सराहना की।
नागपुर में संघ के मुख्यालय में दशहरा पर्व पर अपने वार्षिक संबोधन में भागवत ने आरक्षण व्यवस्था के संदर्भ में गरीब वर्गो के पेशतर सामाजिक और आर्थिक असमानता दूर करने के मकसद से संविधान में किए गए प्रावधानों के लिए दलित महानायक बी आर अम्बेडकर की सराहना की ।
आरक्षण व्यवस्था की समीक्षा संबंधी उनके हालिया सुझाव ने बिहार चुनाव में भाजपा को मुश्किल स्थिति में डाल दिया था।
उनके 55 मिनट के भाषण का दूरदर्शन ने लगातार दूसरे साल सीधा प्रसारण किया जिसमें उन्होंने जनसंख्या पर एक संपूर्णता में विचार विमर्श का आह्वान किया और कहा कि इसका लगातार बढ़ते जाना एक बोझ बन गया है ।
भागवत ने कहा, ‘‘ छोटी छोटी घटनाएं होती हैं । उन्हें बढ़ा चढ़ाकर पेश किया जाता है, छोटी-छोटी घटनाएं होती रहती हैं लेकिन ये भारतीय संस्कृति , हिंदू संस्कृति को विकृत नहीं करती । प्राचीन काल से यह विभिन्नता का सम्मान करती है, एकता स्थापित करने के लिए भिन्नताओं के बीच समन्वय करती है…यह हिंदूत्व है ।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ हमारा देश एकजुट रहा है और एकजुट रहेगा। संघ पिछले 90 साल से देश को हिंदुत्व के आधार पर एकजुट रखने के लिए काम करता आ रहा है ।’’
भागवत ने हालांकि सांप्रदायिक और जातीय तनाव की हालिया घटनाओं का सीधा जिक्र नहीं किया।
मोहन भागवत के भाषण की 10 अहम बातें यहां…
1. लोग आज इतने समझदार नहीं हैं जितने वे दो साल पहले थे।
2. दो साल पहले निराशा का माहौल था, अब आशा की किरण महसूस की जा सकती है।
3. जो कुछ साल पहले निराशा का माहौल था वह अब नहीं है।
4. सबसे ज़रूरी अभी यह सोचने की बात है कि भारत को कैसे नंबर वन देश बनाएं।
5. हम अन्य देशों के साथ अच्छे संबंध बना रहे हैं। भारत आगे की ओर बढ़ रहा है, आशा की किरण महसूस की जा सकती है।
6. रावण एक महान राजा था, राम ने लक्ष्मण उनके पास भेजा था ताकि वह उनसे राज्य में शासन करना सीख सके, लेकिन फिर भी हम राम और उनके शासन का ही गुणगान करते हैं।
7. कई सक्रिय कदम ने पड़ोसी देशों के साथ द्विपक्षीय संबंधों में सुधार करने में सफल परिणाम साबित हुआ है।
8. भारत ने खुद को एक नया अवतार देने के लिए जुट चुका है, जिसे सारी दुनिया देख प्रेरणा ले रही है।
9. भारत का एक नया विचार दुनिया में तेज़ी से बढ़ रहा है। दुनिया में कहीं भी अगर एक संकट की स्थिति पैदा हो जोती है तो हम हमेशा मदद के लिए आगे आए हैं और आते रहेंगे।
10. हमारी विचारधारा और कार्यप्रणाली समय परीक्षण कर रही है।