केंद्र सरकार द्वारा अपने महत्वाकांक्षी स्वच्छ गंगा अभियान में जनता की भागीदारी की कोशिशें करने के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध एक मुस्लिम संगठन ने नदी में प्रदूषण को रोकने के लिए समुदाय के सदस्यों में अभियान को लेकर जागरूकता फैलाने का फैसला किया है। मुस्लिम राष्ट्रीय मंच (एमआरएम) के 150 सदस्यों ने हाल में वाराणसी में हुई एक बैठक में स्वच्छ गंगा और स्वच्छ भारत को लेकर एक संकल्प लिया। एमआरएम के राष्ट्रीय संयोजक मोहम्मद अफजल ने कहा कि हमने गंगा में प्रदूषण को रोकने की दिशा में काम करने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि एमआरएम के कार्यकर्ता अपनी कोशिशों के तहत समुदाय के लोगों से संपर्क करेंगे और गंगा में प्रदूषण के खिलाफ होर्डिंग लगाएंगे।

अफजल ने कहा कि नदी की सफाई सरकार करेगी। लेकिन नदी स्थायी तौर पर साफ रहे, यह सुनिश्चित करने के लिए जनता की भागीदारी जरूरी है। इसलिए हमारे लोग उन इलाकों में बैनर लगाएंगे जहां से होकर नदी गुजरती है। हम साथ ही देखेंगे कि केंद्र द्वारा किए गए उपायों का पालन किया जाए। 2,525 किलोमीटर लंबी नदी उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल से होकर बहती है। 20 और 21 जनवरी को हुई बैठक में मंच ने साथ ही हिंदू और मुस्लिम समुदाय के लोगों से ‘साथ बैठकर’ अयोध्या के राम मंदिर निर्माण के जटिल मुद्दे का हल तलाशने की भी अपील की।