कश्मीर फाइल्स फिल्म के बाद कश्मीरी पंडितों के विस्थापित होने का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में है। रविवार को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा कि 1990 के दशक में अपने घरों से विस्थापित हुए कश्मीरी पंडितों को कश्मीर घाटी में वापस जाने पर अब उन्हें कोई भगा नहीं पायेगा।

संघ प्रमुख भागवत ने नवरेह समारोह के आखिरी दिन कश्मीरी हिंदू समुदाय को वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि वह दिन बहुत करीब है जब कश्मीरी पंडित अपने घरों में वापस आएंगे और मैं चाहता हूं कि वह दिन जल्द आए।” भागवत ने कहा कि कश्मीरी पंडित सुरक्षा और रोजी-रोटी का आश्वासन लेकर वापस जाएंगे।

उन्होंने कहा, “कश्मीर से विस्थापित हुए समुदाय को यह संकल्प करना चाहिए कि ‘हमने (कश्मीर) चरमपंथ के कारण अपने घरों को छोड़ा लेकिन जब हम अब वापस कश्मीर जाएंगे, तो हम अपनी सुरक्षा और आजीविका के आश्वासन के साथ हिंदू और राष्ट्र भक्त के रूप में वापस जाएंगे।” संघ प्रमुख ने कहा कि कश्मीरी हिंदू अब इस तरह से रहेंगे कि कोई भी उन्हें विस्थापित करने की हिम्मत नहीं करेगा।”

भागवत ने कहा कि कश्मीरी पंडित अपने ही देश में पिछले तीन-चार दशकों से विस्थापित होने का दंश झेल रहे हैं लेकिन अब यह जरूरी है कि वे इस स्थिति में हार स्वीकार न करें और चुनौतियों का सामना करें।

मोहन भागवत ने विवेक अग्निहोत्री के निर्देशन में बनी फिल्म ‘द कश्मीर फाइल्स’ को कड़वा सच बताया। उन्होंने कहा कि कश्मीर फाइल्स ने फिल्म 1990 के दशक में कश्मीरी पंडितों के पलायन की एक दुर्भाग्यपूर्ण वास्तविकता को प्रदर्शित किया है। भागवत ने कहा, “कुछ लोग इसके समर्थन में हैं, लेकिन कई इसके खिलाफ हैं। इस फिल्म ने कश्मीरी पंडितों से साथ हुई भयानक त्रासदी के दुर्भाग्यपूर्ण सच को दिखाया है। जिसने हम सभी को झकझोर कर रख दिया है।”

बता दें कि मोहन भागवत ने आनलाइन माध्यम से संजीवनी शारदा केंद्र के नवरेह उत्सव के समापन कार्यक्रम में भाग लिया। इस मौके पर एकत्रित हुए सभी लोगों को उन्होंने नमस्कार करते हुए नवरेह की ढेर सारी शुभकामनाएं दी।