Mohan Bhagwat On Manipur: पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में एक साल से ज्यादा समय से हिंसा की आग में जल रहा है। 3 मई 2023 को घाटी में जातीय हिंसा भड़की थी। उस वक्त से लेकर अब तक हिंसा की घटनाएं सामने आती रहती हैं। इस बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत ने हिंसा की आग में जल रहे मणिपुर में शांति बहाली की मांग की है। आरएसएस चीफ मोहन भागवत ने कहा कि मणिपुर एक साल से शांति की राह देख रहा है। इसे प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

इसके अलावा भागवत ने कहा कि भारत में हर पांच साल में चुनाव होते हैं। हम अपना कर्तव्य करते रहते हैं। लोकमत हर साल हैं, हर चुनाव में करते हैं और इस बार भी किया है। उन्होंने आगे कहा कि चुनाव सहमति बनाने की प्रक्रिया है। संसद में किसी भी सवाल के दोनों पहलू सामने चुनाव ऐसी व्यवस्था हैं। चुनाव प्रचार में जिस प्रकार एक दूसरे को लताड़ना, तकनीकी का दुरुपयोग और झूठ प्रसारित किया जाता है। यह बिल्कुल भी ठीक नहीं है। भागवत ने यह भी कहा कि प्रतिपक्ष को विरोधी नहीं कहना चाहिए। हमें चुनाव की बातों से हटकर देश की समस्याओं पर प्रमुखता से विचार करना चाहिए।

चुनावी नतीजों पर क्या बोले भागवत

आरएसएस प्रमुख ने चुनावी के नतीजों पर भी बात की और कहा कि लोगों ने अपना जनादेश दे दिया है और एनडीए सरकार फिर से सत्ता में वापस आ गई है। लोकतंत्र के अपने ही नियम और कायदे होते हैं और वह उसी के हिसाब से चलता है। जनता ने अपना जनादेश दे दिया है और उस पर किसी भी तरह की टिप्पणी करना सही नहीं है। संघ इस मामले में नहीं पड़ता है।

वह मेहनत करता है, सेवा करता है और मर्यादा में रहता है। संसद आपसी सहमति के लिए होती है लेकिन कंप्टीशन की वजह से परेशानी होती है। इलेक्शन में संघ जैसे संगठन को भी घसीटा गया और इसके बारे में ना जाने किस तरह की बातें की गई। तकनीक का इस्तेमाल करके उसे बदमान करने का प्रयास किया गया।

समाज को खुद को खड़ा करना होगा

संघ प्रमुख ने कहा कि समाज को भी कदम उठाना होगा। समाज को खुद को खड़ा करना होगा। फ्रांसीसी क्रांति में आक्रोश अपने चरम पर था। यही रूस में भी हुआ। वहां के समाज में यह तय होगा कि इससे बाहर आना है। भीमराव अंबेडकर कहते हैं कि बड़ा परिवर्तन होने से पहले बड़ा आध्यात्मिक जागरण होता है। समाज को बनाने का काम करना है। समाज में संस्कार होने चाहिए। हमारा समाज काफी विविधताओं से भरा हुआ है। भागवत ने कहा कि समाज में एकता कायम रहनी चाहिए।