राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ(आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने विजयदशमी के मौके पर नागपुर स्थित आरएसएस मुख्यालय में शस्त्र पूजन किया। इस दौरान उन्होंने अपने संबोधन में देश में बढ़ रही नशे की लत पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि, “ओटीटी प्लेटफॉर्म पर क्या दिखाया जाता है, इस पर कोई नियंत्रण नहीं है, कोरोना के बाद बच्चों के पास भी फोन हो चुके हैं। देश में तरह-तरह के नशीले पदार्थों का प्रयोग बढ़ रहा है, इसे कैसे रोका जाए, पता नहीं?”
उन्होंने कहा कि, उच्च वर्ग से लेकर समाज के आखिरी आदमी तक, हर स्तर तक भयंकर नशे की लत है। नशे के कारोबार से आने वाले पैसे का इस्तेमाल राष्ट्रविरोधी गतिविधियों में किया जाता है। सीमा पार के देश उसे प्रोत्साहन देते हैं।
जनसंख्या कानून पर क्या बोले भागवत: भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण को लेकर कहा कि, “जनसंख्या नीति पर एक बार फिर से विचार किया जाना चाहिए। 50 साल आगे तक का विचार कर नीति बनानी चाहिए और उस नीति को सभी पर समान रूप से लागू करना चाहिए, जनसंख्या का असंतुलन देश और दुनिया में एक समस्या बन रही है।”
देश के बंटवारे को लेकर कहा: मोहन भागवत ने कहा कि, “जिस दिन हम स्वतंत्र हुए उस दिन स्वतंत्रता के आनंद के साथ हमने एक अत्यंत दुर्धर वेदना भी अपने मन में अनुभव की, और वो दर्द अभी तक गया नहीं है। अपने देश का विभाजन हुआ, अत्यंत दुखद इतिहास है वो, परन्तु उस इतिहास के सत्य का सामना करना चाहिए, उसे जानना चाहिए।
नई पीढ़ी को इतिहास जानना जरूरी: उन्होंने कहा कि, “जिस शत्रुता और अलगाव के कारण विभाजन हुआ उसकी पुनरावृत्ति नहीं करनी है। पुनरावृत्ति टालने के लिए, खोई हुई हमारे अखंडता और एकात्मता को वापस लाने के लिए उस इतिहास को सबको जानना चाहिए। खासकर नई पीढ़ी को जानना चाहिए।”
आरएसएस का 96वां स्थापना दिवस: बता दें कि इस बार RSS अपना 96वां स्थापना दिवस मना रहा है। 1925 में विजयादशमी के दिन ही नागपुर में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना हुई थी। इस दिन संघ प्रमुख अपने संबोधन में जिन बातों को रखते हैं, उन्ही को लेकर संघ अगले एक साल तक काम करता है।