राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर अपने कैडर्स को चुप्पी साधने को कहा है। आरएसएस और उससे जुड़े संगठनों के 10 नवंबर से 20 नवंबर के 20 होने वाले कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है। संघ ने अपने नेताओं को नागपुर मुख्यालय में मौजूद रहने को कहा है।
सुप्रीम कोर्ट में चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ 17 नवंबर को अयोध्या मामले में अपना फैसला सुना सकती है। सूत्रों के अनुसार भुवनेश्वर में संघ की वार्षिक दिवाली बैठक में क्षेत्रीय स्तर पर कई बैठकों को आरएसएस के नेताओं ने संबोधित किया। बैठक में अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संदर्भ में शांत रहने को कहा गया।
संघ के नेताओं का मानना है कि शरारती तत्व फैसले की आड़ में संगठन को बदनाम करने के लिए स्थिति का फायदा उठा सकते हैं। कैडर्स से सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया पर की जाने वाली पोस्ट में भी सावधानी बरतने को कहा गया है। अयोध्या जिले के आसपास के आरएसएस इकाइयों के नेता भी इस संबंध में बैठकें कर चुके हैं।
इस आशय के संदेश को स्वयंसेवकों को दिया जा चुका है। इसके अतिरिक्त आरएसएस से संबंद्ध भारतीय मजदूर संघ के राष्ट्रीय पदाधिकारियों की हरिद्वार में 15 नवंबर से 17 नवंबर की बैठक को भी रद्द कर दिया गया है। आरएसएस के एक अन्य संगठन विद्या भारती ने कानपुर में 20 नवंबर से शुरू होने वाले अपने 10 दिवसीय ऑल इंडिया साइंस फेयर को भी स्थगित कर दिया है। विद्या भारती के एक सूत्र ने बताया कि राष्ट्रीय मेले से पहले 10 नवंबर से राज्य स्तरीय मेले शुरू होने वाले थे। हमने उन सभी को स्थगित कर दिया है।
वाराणसी में 9 से 10 नवंबर को आरएसएस की एक मीटिंग होने वाली थी। इस बैठक में आरएसएस के सह-सरकार्यवाह वी भागैय्या मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित थे। इस बैठक को भी रद्द कर दिया गया है। इससे पहले आरएसएस के सह-सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले ने लखनऊ में संघ के पूर्वी उत्तर प्रदेश के शीर्ष पदाधिकारियों की समन्वय बैठक को संबोधित किया था।
एक सूत्र ने बताया कि दत्ता जी ने हमें सोशल मीडिया पर शांत रहने को कहा था। भले ही फैसला हमारे पक्ष में हो या नहीं, हमें इसे स्वीकार करना होगा। इसके बाद आगे की रणनीति तय होगी।