उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में जिन्ना की तस्वीर को लेकर विवाद एक बार फिर से बढ़ गया है। लोकसभा चुनाव जीतने के बाद स्थानीय भाजपा सांसद सतीश गौतम ने कहा था, “अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कैंपस से मोहम्मद अली जिन्ना की तस्वीर को हटवाकर उसे पाकिस्तान भेजना मेरी प्राथमिकता है। जिन्ना की तस्वीर के लिए एएमयू में कोई स्थान नहीं है।” इस पर छात्रसंघ ने सांसद को तस्वीर हटाने की चुनौती दी है। छात्रसंघ ने कहा कि स्टूडेंट हॉल में लगी मोहम्मद जिन्ना की तस्वीर तभी हटेगी, जब मानव संसाधन मंत्रालय की ओर से निर्देश जारी किया जाएगा। यह तस्वीर स्टूडेंट हॉल में आजादी से पहले से लगी है।

छात्रसंघ के निवर्तमान सचिव हुजाएफा आमिर रश्दी ने कहा, “किसी एक खास को निशाना बनाना ठीक नहीं है। आप कहां-कहां हटवाएंगे? बंटवारे के लिए जिम्मेदार गांधी हैं, नेहरु भी हैं, ऐसे में आप पहले उनकी तस्वीर हटवाइए। यदि जिन्ना की तस्वीर हटाने के लिए कोई कानून आता है तो ठीक है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि ऐसी कोई बात होगी। डेढ़-दो साल पहले सांसद ने इस मुद्दे को बड़े स्तर पर उठाया था। चर्चा में आने के लिए विवाद पैदा किए गए ताकि दोबारा टिकट मिल जाए। इस बार भी ये मोदी जी के नाम पर सांसद बन गए। इन्हें चाहिए कि वे जमीन पर काम करें। विश्वविद्यालय के विकास के लिए काम करें। फर्जी बयानबाजी करने के कोई काम नहीं होता।”

बीते 1 मई 2019 को भाजपा सांसद सतीश गौतम ने जिन्ना की तस्वीर हटाने को लेकर एएमयू के कुलपति को एक पत्र भी लिखा था। छात्रसंघ का कहना है, ‘यह विश्वविद्यालय की विरासत का हिस्सा है। यही वजह है कि कॉलेज प्रशासन भी इसकी देखभाल करती है।’ हालांकि, पिछली बार जब विवाद हुआ था तो तत्कालीन मानव संसाधन मंत्री प्रकाश जावेडकर ने कहा था, ‘इस तस्वीर पर विश्वविद्यालय को उचित फैसला लेना चाहिए। यह विश्वविद्यालय को तय करना है कि वह इसे रखना चाहती है या हटाना।’ इसके बाद विश्वविद्यालय ने तस्वीर को हटाने की जगह उसी स्थान पर रखने का फैसला किया।