देश में कभी बाढ़, पहाड़ गिरने, बादल फटने जैसी प्राकृतिक आपदाओं समेत मानव निर्मित आपदा से निपटने के लिए आपदा प्रबंधन योजना तैयार है। यह कार्य योजना मार्ग के बीच आने वाली बाधाओं को दूर करके राज्यों के बीच बने विभिन्न राज्यों के संपर्क को जोड़ने में मददगार साबित होगी। केंद्र सरकार ने देश के राजमार्ग व सड़कों को आपदा से बचाने के लिए यह कार्य योजना (डीएमपी) तैयार की है। अब आपदा की स्थिति में तत्काल राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को इस योजना को लागू करना होगा।

केंद्र सरकार के सड़क परिवहन मंत्रालय ने यह योजना तैयार की है और इसे सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा है। इस कार्य योजना को तैयार करते वक्त देश में अब तक सामने आई विभिन्न आपदाओं को मंत्रालय ने ध्यान में रखा है और इसमें राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीआरएफ) की सिफारिशों के आधार पर प्रावधान किए गए हैं। मंत्रालय का मानना है कि इस विस्तृत कार्य योजना से सभी संबंधित विभागों के पास किसी भी स्थिति से निपटने के लिए एक विस्तृत प्रारूप उपलब्ध होगा। इस कार्ययोजना को तैयार करने के लिए देश में हुई आपदाओं को आधार बनाया है, जिसमें राजमार्ग 44 व 5 पर भूस्लखन, 2021 में उत्तराखंड में बादल फटने का हादसा और केरल में बाढ़ आने के बाद किए गए तत्काल राहत कार्य को आधार बनाया गया है। इस कार्य योजना पर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) की सिफारिशें भी लागू की गई है।

हर वर्ष आपदा राहत कार्य में दस फीसदी तक तेजी से काम करने की योजना

एनडीएमए ने इस कार्य योजना में दो अध्याय जोड़े हैं। मंत्रालय का मानना है कि इस कार्य योजना की मदद से आपदा के बाद राहत कार्य करने में आसानी हो सकेगी। इस योजना से आपदा की स्थिति सार्वजनिक परिवहन से संबंधित सेवाओं को बचाया जा सके, इससे किसी भी क्षेत्र तक तेजी से राहत कार्य शुरू किए जा सकेंगे। इन प्रावधानों के लिए आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 भी प्रावधान किए गए हैं। इससे आम जनता के लिए जरूरी आवश्यक सामग्री को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह तक पहुंचाने में मदद मिलेगी। इस कार्य में एनडीआरएफ की मदद ली जाएगी।

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केंद्र सरकार आपदा की स्थिति से निपटने के लिए लगातार नए- नए लक्ष्य तय कर रही है, जिसमें हर वर्ष आपदा राहत कार्य में दस फीसद तक तेजी से काम करने की योजना है। इस कार्य योजना के तहत किसी पुल के गिरने, मार्ग के कटने जैसे मामलों में नुकसान को 2030 तक पचास फीसद तक कम करने का लक्ष्य रखा गया है। इस कार्य योजना को प्रधानमंत्री के दस सूत्रीय कार्यक्रम के आधार पर तैयार किया गया है, जिसमें आपदा नुकसान प्रबंधन शामिल हैं। इस कार्य योजना की प्रति केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने देश के सभी राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों, सीमा सड़क संस्था (बीआरओ) को भेजी है ताकि सभी मिलकर इस कार्य योजना से काम करेंगे।