केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि वह अगले दो-तीन दिन में कार कंपनियों के लिए अनिवार्य रूप से फ्लेक्स-फ्यूल इंजन लाने का आदेश जारी करेंगे। उन्होंने कहा कि जिस तरह ब्राजील, अमेरिका और कनाडा में फ्लेक्स इंजन के जरिए वही कार 100 फीसदी बायो इथेनॉल पर चलेगी, जोकि हमारे किसानों ने तैयार किया है, उन्होंने कहा कि खास बात ये है कि यह एक ग्रीन फ्यूल है जिसमें जरा भी प्रदूषण नहीं रहेगा।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फ्लेक्स-ईंधन इंजन में एक से अधिक ईंधनों का इस्तेमाल किया जा सकता है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने भारतीय वैज्ञानिकों की तारीफ करते हुए कहा कि 15 से 20 दिनों के बाद मेरे पास एक खास तरह की गाड़ी होगी, जोकि ग्रीन हाइड्रोजन यानी की पानी से हाइड्रोजन और ऑक्सीजन को अलग करके चलेगी। उन्होंने कहा कि ऐसी गाड़ी चल सकती है लोगों को विश्वास ही नहीं होता है।
गडकरी ने कहा कि कुछ दिनों के बाद जब मैं वह गाड़ी लेकर सड़क पर निकलूंगा तो लोगों को यकीन होगा। उन्होंने कहा कि वो दिन दूर नहीं जब नगर पालिका और महानगर पालिका का वेस्ट वाटर का इस्तेमाल ग्रीन हाइड्रोजन बनाने के लिए होगा और देश की सड़कों पर ऐसे ईधन से चलने वाली कारें, बाइकें और ट्रक दौड़ेंगे।
गडकरी ने एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि भारत हर साल आठ लाख करोड़ रुपये के पेट्रोलियम उत्पादों का आयात करता है। यदि भारत की पेट्रोलियम उत्पादों पर निर्भरता बनी रहती है, तो अगले पांच साल में आयात बिल बढ़कर 25 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच जाएगा।
उन्होंने कहा, ‘‘पेट्रोलियम आयात को कम करने के लिए मैं अगले दो-तीन दिन में एक आदेश पर हस्ताक्षर करने जा रहा हूं। इसके तहत कार विनिर्माताओं के लिए फ्लेक्स-ईंधन इंजन लाना अनिवार्य होगा।’’ गडकरी ने बताया कि टोयोटो मोटर कॉरपोरेशन, सुजुकी और हुंदै मोटर इंडिया के शीर्ष अधिकारियों ने अपने वाहनों में फ्लेक्स-ईंधन इंजन पेश करने का आश्वासन दिया है।