देश में हाइब्रिड वाहन अब आम आदमी की पसंद बन रहे हैं। केंद्र सरकार के सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के आंकड़े बताते हैं कि देश में हाइब्रिड गाड़ियों के इस्तेमाल के मामले में उत्तर प्रदेश सबसे आगे है, जबकि दूसरे नंबर पर दिल्ली और तीसरे नंबर पर कर्नाटक है। केंद्र सरकार के मुताबिक 8 दिसंबर तक देश में इन वाहनों की संख्या 27,34,09,410 है। इन वाहनों में से देशभर में 8,77,117 वाहन प्रयोग किए जा रहे हैं।

देश के सभी 25 राज्य और केंद्र शसित प्रदेशों में इन वाहनों का प्रयोग हो रहा है। उत्तर प्रदेश में आम लोग 2,85,105 वाहनों का प्रयोग कर रहे हैं, जबकि दिल्ली में 1,26,111 वाहनों का प्रयोग हो रहा है। रिपोर्ट के मुताबिक सबसे कम सक्रिय वाहन लद्दाख, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, अंडमान निकोबार, नगालैंड, सिक्किम और दादर नगर हवेली जैसे राज्यों में है। इन जगहों पर सक्रिय वाहनों की संख्या केवल 150 से 200 के बीच ही है।

सरकार प्रदूषण में कमी लाने के इरादे से इन वाहनों का पंजीकरण ‘फेम इंडिया योजना’ के तहत कर रही है और इसके तहत वाहनों की खरीद में सबसिडी दी जा रही है। 2019 से इस योजना के तहत पांच वर्षों के लिए 10 हजार करोड़ की मदद राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों को दी गई है। जबकि 15 सितंबर को केंद्र सरकार ने इस योजना में पांच वर्ष की अवधि के लिए 25,938 करोड़ रुपए की धनराशि का प्रावधान किया गया है।

सरकार का दावा है कि ई-वाहनों के दामों में कमी लाने के लिए देश में उन्नत रसायन तेल के लिए मंजूरी दी गई है। इस पहल से बैटरी निर्माण के दाम में कमी आएगी। मंत्रालय के मुताबिक वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए जीएसटी की दर को 12 फीसद से घटाकर पांच फीसद किया गया है, जबकि ई-चार्जिंग स्टेशन पर जीएसटी को 18 फीसद से घटाकर पांच फीसद किया गया है। मंत्रालय की ओर से जारी एक अधिसूचना के मुताबिक राज्यों को इलेक्ट्रिक वाहनों पर पथकर माफ करने की सलाह दी है, जिससे वाहन की शुरुआती लागत में कमी लाने में मदद मिलेगी।