द एनर्जी एंड द रिसोर्स इंस्टीट्यूट (TERI) के पूर्व चीफ दिवंगत आरके पचौरी से जुड़े यौन उत्पीड़न के मामले में इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल ने टेरी की इंटरर्नल कंप्लेंट कमेटी की उस जांच रिपोर्ट के सही करार दिया है जिसमें पचौरी को दोषी ठहराया गया था।
आरके पचौरी फिलहाल दुनिया में नहीं हैं। उनकी लीगल टीम ने टेरी की इंटरर्नल कंप्लेंट कमेटी की जांच रिपोर्ट को चुनौती देते हुए इसे खारिज करने की मांग की थी। उनका कहना था कि कमेटी ने जल्दबाजी और पक्षपात पूर्ण तरीके से जांच करके रिपोर्ट तैयार की है। उनकी दलील है कि महिला ने उनके खिलाफ शिकायत तब दायर की थी जब उन्होंने उसे कोई भी काम देने से इनकार कर दिया था। पचौरी की टीम का कहना है कि महिला सही से काम नहीं कर पा रही थी। इसी वजह से आरके पचौरी ने उसके साथ इस तरह का एक्शन लिया था। इसमें कहीं कोई दुर्भावना नहीं थी।
TERI की कमेटी ने 2015 में दाखिल की थी रिपोर्ट, पचौरी के वकीलों ने की इसे खारिज करने की मांग
राउज एवेन्यु के इंडस्ट्रियल ट्रिब्यूनल के पीठासीन अधिकारी अजय गोयल ने पचौरी की लीगल टीम की अपील को खारिज कर दिया। कंप्लेंट कमेटी ने 2015 में पचौरी के खिलाफ रिपोर्ट दाखिल की थी। ट्रिब्यूनल ने ईमेल और मैसेजेस का जिक्र करते हुए कहा कि इनको देखने के बाद साफ है कि पचौरी ने महिला का उत्पीड़न किया था। अजय गोयल ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा कि पुरुष को पता होना चाहिए कि महिला की सहमति और ना में क्या अंतर होता है।
महिला लगातार असहज हो रही थी लेकिन पचौरी फिर भी उसे मेल्स और फोन पर संदेश भेजे जा रहे थे। वो महिला से ऐसे प्रस्ताव को स्वीकार करने के लिए कह रहे थे जो उसे स्वीकार नहीं था। ट्रिब्यूनल ने कहा कि मानव के संबंधों की ये एक त्रासदी है कि एक बार रिश्ता बिगड़ जाए तो उसकी परिणिती यौन उत्पीड़न के केस में होती है। ट्रिब्यूनल ने अपने फैसले में कहा कि पचौरी ने महिला का शारीरिक और मानसिक शोषण किया था। उनका कहना है कि कोर्ट पचौरी के इस कृत्य को सही नहीं मानती है। उन्होंने जो कुछ भी किया वो साफ तौर पर एक आपराधिक कृत्य था।