टमाटर की बढ़ती कीमतों ने आम जनता को काफी परेशान किया है। हालांकि सरकार का कहना है कि जल्द महंगाई की मार से राहत मिलेगी। लेकिन अब प्याज के दामों में भी बढ़ोतरी की संभावना से जुड़ी खबरें सामने आ रही हैं। इसे लेकर सरकार सतर्क हो गई है।

 टमाटर के बाद प्याज को भी सस्ती दर पर बेचने का निर्णय लिया है। केंद्र सरकार ने सोमवार से राष्ट्रीय सहकारी उपभोक्ता संघ लिमिटेड (एनसीसीएफ) के जरिए  खुदरा दुकानों और मोबाइल वैन के माध्यम से उपभोक्ताओं को 25 रुपये प्रति किलोग्राम की रियायती दर पर प्याज बेचने की योजना बना ली है।

प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी

केंद्र सरकार ने महंगाई पर राहत के लिए कई अलग-अलग तरह के प्रयास किए हैं। लगातार टमाटर के बढ़ते दामों के बीच अब रिटेल मार्केट में बढ़ती महंगाई पर लगाम लगाने के लिए प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का ऐलान किया गया है। सरकार की ओर इस संबंध में एक नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इस नोटिफिकेशन में कहा गया है कि प्याज पर 40 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाई गई है, जो 31 दिसंबर तक लागू रहेगी। 

सरकार ने इस महीने की शुरुआत में बढ़ती सब्जियों की कीमतों के बढ़ते रुझान के बीच प्याज की कीमतों को कम करने के लिए पीएसएफ के हिस्से के रूप में इस साल बनाए गए 300,000 टन के बफर से प्याज जारी करने का फैसला किया और अब तक राज्यों में लगभग 1,400 टन प्याज भेजा है।

सरकार का बफर स्टॉक 

FY- 2022-23 में सरकार ने बफर स्टॉक के तौर पर 2.51 लाख टन प्याज रखा था।  यदि कम आपूर्ति वाले मौसम के दौरान दरें काफी बढ़ जाती हैं तो किसी भी आपात स्थिति को पूरा करने के लिए मूल्य स्थिरीकरण कोष (पीएसएफ) के तहत बफर स्टॉक बनाए रखा जाता है।

बफर स्टॉक के लिए जो प्याज खरीदा गया है, वह हाल ही में समाप्त हुए रबी सीजन का है। फिलहाल, खरीफ प्याज की बुआई चल रही है और अक्टूबर में इसकी आवक शुरू हो जाती है। इस बीच, उपभोक्ता मामलों का मंत्रालय परमाणु ऊर्जा विभाग और भाभा परमाणु अनुसंधान केंद्र के साथ प्याज के भंडारण के लिए एक तकनीक का भी प्रयास कर रहा है।