Retail Inflation Hike: राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय यानी NSO ने खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी किए हैं, जिसके अनुसार खाद्य पदार्थों, खासकर फलों, सब्जियों, मांस और मछली, तथा तेल की कीमतों में तेज वृद्धि के कारण अक्टूबर में खुदरा मुद्रास्फीति दर बढ़कर 6.21 प्रतिशत पर पहुंच गई, जो 14 महीने का सबसे उच्चतम स्तर है। CFPI पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति अक्टूबर में बढ़कर 10.87 प्रतिशत के दहाई अंक तक पहुंच गई है, जो कि 15 महीने का उच्चतम स्तर है। यह सितंबर में 9.24 प्रतिशत और पिछले एक साल में 6.61 प्रतिशत थी।
बता दें कि जुलाई 2023 के बाद पहली बार 14 महीने के अंतराल के बाद खाद्य मुद्रास्फीति दोहरे अंकों में पहुंच गई है। अक्टूबर प्रिंट के साथ, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (संयुक्त) पर आधारित हेडलाइन खुदरा मुद्रास्फीति दर ने लगातार दूसरे महीने आरबीआई के मध्यम अवधि के मुद्रास्फीति लक्ष्य के 4+/- 2 प्रतिशत बैंड में 4 प्रतिशत के निशान को फिर से पार कर लिया है। मुद्रास्फीति में इस उछाल के साथ दिसंबर में अपनी आगामी मौद्रिक नीति बैठक में केंद्रीय बैंक द्वारा तत्काल दर में कटौती की उम्मीदें चकनाचूर हो गई है।

फलों और सब्जियों की कीमत में हुई बढ़ोतरी
खाद्य एवं पेय पदार्थ में अक्टूबर में 9.69 प्रतिशत की मुद्रास्फीति दर दर्ज की गई, जबकि सितंबर में यह 8.36 प्रतिशत थी। सब्जियों जैसे जल्दी खराब होने वाले खाद्य पदार्थों की मुद्रास्फीति दर सितंबर के 35.99 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में 42.18 प्रतिशत हो गई, जबकि फलों की मुद्रास्फीति दर 7.65 प्रतिशत से बढ़कर 8.43 प्रतिशत हो गई।
बढ़ी खुदरा महंगाई दर को लेकर क्या बोले अर्थशास्त्री
केयरएज रेटिंग्स की मुख्य अर्थशास्त्री रजनी सिन्हा ने कहा कि सब्जियों और खाद्य तेल की कीमतों में तेज उछाल के कारण खाद्य पदार्थों की उच्च मुद्रास्फीति चिंता का विषय बनी हुई है। सब्जियों, खास तौर पर टमाटर और प्याज की कीमतों में उछाल का कारण, देश के कुछ हिस्सों में बेमौसम बारिश और लंबे समय तक मानसून का होना है।
देश में महंगी होने वाली हैं ये चीजें
उन्होंने कहा है कि वैश्विक खाद्य तेल की कीमतों में उछाल और विभिन्न खाद्य तेलों के मूल सीमा शुल्क में हाल ही में की गई बढ़ोतरी के कारण आयात पर निर्भरता के कारण इस बास्केट में मुद्रास्फीति बढ़ गई है। खाद्य मुद्रास्फीति को नियंत्रित करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सीधे घरेलू मुद्रास्फीति की उम्मीदों को प्रभावित करता है। यह स्थिति खाद्य कीमतों को स्थिर करने के लिए सरकार द्वारा अतिरिक्त आपूर्ति-पक्ष उपायों को लागू करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है।
मुद्रास्फीति के आंकड़ों को अगर क्षेत्रों के लिहाज से विभाजित करें तो पता चलता है कि ग्रामीण मुद्रास्फीति सितंबर में 5.87 प्रतिशत से बढ़कर अक्टूबर में 6.68 प्रतिशत हो गई, जबकि शहरी मुद्रास्फीति 5.05 प्रतिशत से बढ़कर 5.62 प्रतिशत हो गई।
खाद्य मुद्रास्फीति के मोर्चे पर, ग्रामीण क्षेत्रों में सितंबर में 9.08 प्रतिशत की तुलना में अक्टूबर में खाद्य मुद्रास्फीति दर 10.69 प्रतिशत दर्ज की गई, जबकि शहरी क्षेत्रों में पिछले महीने 9.56 प्रतिशत की तुलना में अक्टूबर में 11.09 प्रतिशत की उच्च खाद्य मुद्रास्फीति दर दर्ज की गई।