भारत में संसद का मानसून सत्र जारी है। इस बीच दोनों ही सदनों में कोरोनावायरस से हुई मौतों और पेगासस स्पाईवेयर के जरिए लोगों की जासूसी का मुद्दा जोर पकड़ रहा है। विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही लगातार स्थगित भी करनी पड़ रही है। इस बीच रिपब्लिक टीवी के एडिटर-इन-चीफ अर्नब गोस्वामी ने अपने डिबेट शो में जासूसी कांड के आरोपों को लेकर संसद की कार्यवाही रोकने वाले नेताओं पर निशाना साधा है। उन्होंने इजराइली फर्म और उसके स्पाईवेयर का खुलासा करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल पर भी सवाल उठाए और पूछा कि क्या अब एमनेस्टी संसद को रोक रही है।

अर्नब ने डिबेट के दौरान कहा, “इस मामले में एक भी ठोस सबूत नहीं दिए गए हैं। यहां तक कि अब तक जिन पब्लिकेशन के संपादकों ने लिस्ट निकाली थी, वो भी पलटने लगे हैं। अमेरिका के एक पब्लिकेशन का कहना है कि लिस्ट बाहर आने की क्या ठोस वजह है, यह स्पष्ट नहीं है। मध्य-पूर्व के एक मीडिया ग्रुप का कहना है कि जिनकी जासूसी की जा रही है, उनके फोन ऐसा लग रहा है कि हैक किए गए होंगे। यानी ये सब मानते हैं कि उनके पास कोई ठोस सबूत नहीं हैं।

अर्नब ने आगे कहा, “कई मीडिया ग्रुप्स ने इन बड़े दावों से पीछा छुड़ाना शुरू कर दिया है और कहा है कि उन्होंने सिर्फ वही चीजें छापीं, जो एमनेस्टी इंटरनेशनल ने उन्हें दे दीं।” इसके बाद अर्नब ने डिबेट के दौरान संसद के बार-बार स्थगित होने का मुद्दा उठाया। उन्होंने तृणमूल कांग्रेस के नेता से पूछा कि आप निराश हैं, आपको कुछ करना है। लेकिन जब पेगासस फ्लॉप हो गया है, तो संसद की कार्यवाही क्यों रोकना। अगर एमनेस्टी इंटरनेशनल आपको अच्छी रिपोर्ट नहीं सौंप पाई, तो आपको एमनेस्टी से बात करनी चाहिए, क्योंकि उन्हीं लोगों ने रिपोर्ट निकाली हैं।

विपक्ष पर एमनेस्टी से सांठ-गांठ के आरोप: इसके बाद अर्नब ने इशारों में विपक्ष और एमनेस्टी इंटरनेशनल में सांठगांठ का आरोप लगाते हुए कहा कि आप अपने आंतरिक मुद्दे सुलझा लीजिए। उन्होंने आपको गलत रिपोर्ट दी, जो भी आपकी परेशानी है। उन्हें बुलाइए और ये मुद्दा उठाइए। लेकिन इसके लिए संसद की कार्यवाही रोकने की क्या जरूरत? इसके बाद उन्होंने एक और पैनलिस्ट से कहा, “यह रिपोर्ट किसी पत्रकार ने नहीं की। यानी किसी भी संस्था का कोई पत्रकार इस रिपोर्ट से नहीं जुड़ा है। उन्होंने कहा कि यह हैंडआउट की तरह है। यह हैंडआउट दिया किसने है? एमनेस्टी इंटरनेशनल ने। क्या आपको एमनेस्टी पर भरोसा है? आप एमनेस्टी को संसद को रोकने दे रहे हैं?

अर्नब ने राष्ट्रसुरक्षा के लिए जासूसी को सही ठहराया: अर्नब ने आगे कहा कि अगर सरकार ने पेगासस का इस्तेमाल किया, ताकि भारत की सुरक्षा को मजबूत किया जा सके और राष्ट्रहितों को ऊपर रखा जा सके, तो इसमें गलत क्या है? अगर किसी को भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा का जरा भी अंदाजा है, तो उसे पता होगा कि हर स्वायत्त देश की सुरक्षा एजेंसियां जासूसी करती हैं और वह भी वैध तरीके से। इस हिसाब से तो दुनिया का सबसे बड़ा जासूस अमेरिका है। वह अपने राष्ट्रहितों की रक्षा के लिए जासूसी करता है। क्या एमनेस्टी उनकी जासूसी एजेंसियों के खिलाफ कुछ बोलता है।