प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर साफा बांधने की अपनी परंपरा को बरकरार रखते हुए इस बार गणतंत्र दिवस पर केसरिया रंग का ‘बंधेज’ का साफा बांधा। पारंपरिक कुर्ता पजामा और जैकेट पहने प्रधानमंत्री ने इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति के बजाय यहां नव निर्मित राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर पहली बार शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर प्रधानमंत्री के परिधान में खास तौर पर उनके साफे की काफी चर्चा होती है।

पिछले साल प्रधानमंत्री ने लाल किले की प्राचीर से छठवीं बार स्वतंत्रता दिवस का भाषण दिया था और उस दौरान उन्होंने कई रंगों वाला साफा बांधा था।

वहीं 2018 में मोदी ने प्रधानमंत्री के तौर पर पहली बार अपने भाषण के दौरान लाल रंग का बंधेज वाला साफा पहना था जिसकी पीछे की पट्टी का रंग हरा था।

प्रधानमंत्री ने 2015 में धारीदार पट्टियों वाला साफा बांधा था जिनमें से कुछ का रंग लाल और गहरा हरा था। इसके बाद 2016 में लाल किले से भाषण के दौरान वह गुलाबी और पीले रंग वाले साफे में नजर आए थे। वहीं 2017 में उन्होंने चमकदार लाल और पीले रंग का साफा पहना था।

पीएम के साफा का होता चर्चा: बता दें कि गणतंत्र दिवस के मौके पर पीएम के पहनावें का खास ध्यान रखा जाता है। पीएम नरेंद्र मोदी साल 2015 से ही साफा पहनकर राजपथ पर आते है और हर इनका साफा चर्चा का विषय बनता है। इसके रंगों का एक खास मतलब और मकसद होता है।