हर साल गणतंत्र दिवस (Republic Day) पूरे देश में बहुत धूमधाम के साथ मनाया जाता है। इस ही दिन 1950 में संविधान सभा द्वारा भारत के संविधान को अपनाया गया था। 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर परेड के खासतौर पर आकर्षण का केंद्र होती है। इस कार्यक्रम में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और विदेश से आए हुए विशेष अतिथि भी खास तौर पर शामिल होते हैं। यहां 10 पॉइंट्स में जानिए गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े तथ्य…
गणतंत्र दिवस परेड से जुड़े रोचक तथ्य
- भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। इसे बनने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का वक्त लगा था।
- गणतंत्र दिवस (Republic Day) के अवसर पर 26 जनवरी को प्रधान मंत्री या राष्ट्रपति और किसी देश के शासक को गणतंत्र दिवस परेड देखने के लिए मुख्य अतिथि के तौर पर आमंत्रित किया जाता है। इस बार फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों मुख्य अतिथि होंगे।
- गणतंत्र दिवस (Republic Day) परेड की तैयारी एक साल पहले जुलाई में शुरू हो जाती है। परेड में शामिल लोगों को उनकी भागीदारी के बारे में औपचारिक रूप से सूचित किया जाता है। परेड के दिन वे सुबह 3 बजे तक कार्यक्रम स्थल पर पहुंच जाते हैं। वह लगातार कई अभ्यास करने के बाद परेड की तैयारी पूरी करते हैं।
- परेड के दौरान तोपों की सलामी दी जाती है। सलामी का समय राष्ट्रगान के समय से मेल खाता है। पहली गोली राष्ट्रगान की शुरुआत में चलाई जाती है और अगली गोली 52 सेकंड के बाद चलाई जाती है।
- परेड में भारतीय रक्षा बलों के जवानों द्वारा मार्च किया जाता है और अलग-अलग राज्यों की झांकियां, सैन्य विमानों द्वारा फ्लाईपास्ट और कई कार्यक्रम शामिल होते हैं।
- 26 जनवरी की परेड कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रपति के आने के साथ होती है। सबसे पहले राष्ट्रपति के घुड़सवार अंगरक्षक राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देते हैं और इस दौरान राष्ट्रगान बजाया जाता है और 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।
- परेड के दौरान भारत की सैन्य शक्ति दिखाने वाले सभी टैंकों, बख्तरबंद वाहनों और आधुनिक उपकरणों के लिए इंडिया गेट के परिसर के पास एक विशेष कैंप आयोजित किया जाता है।
- परेड के आयोजन में शामिल होने वाले प्रत्येक सैन्यकर्मी को 4 स्टेप्स की जांच से गुजरना पड़ता है. इसके अलावा, उनके हथियारों की गहन जांच की जाती है। सुरक्षा के कड़े इंतेजाम किए जाते हैं।
- परेड में शामिल झांकियां लगभग 5 किमी/घंटा की गति से चलती हैं, ताकि लोग उन्हें अच्छी तरह से देख सकें। 26 जनवरी 2022 को गणतंत्र दिवस परेड में 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों और नौ मंत्रालयों और विभागों को अपनी झांकियां दिखाने के लिए चुना गया है। इनमें अरुणाचल प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, गोवा, गुजरात, कर्नाटक, मेघालय, पंजाब, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड शामिल हैं।
- परेड में भाग लेने वाले सेना के जवान स्वदेश निर्मित इंसास राइफलों के साथ मार्च करते हैं, जबकि विशेष सुरक्षा बल के जवान इजराइल में बनी टेवर राइफलों के साथ मार्च करते हैं। इस बार शायद ये अलग हो सकती हैं।

