देश आज अपना 71वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस परेड के दौरान दिल्ली के राजपथ पर भारत की सेना का शौर्य और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की झलक देखने को मिली। इस गणतंत्र दिवस इसलिए भी खास रहा क्योंकि इस बार पीएम मोदी ने 48 साल पुरानी परंपरा को तोड़ते हुए नई परंपरा का आगाज किया।

दरअसल पीएम मोदी ने इस बार इंडिया गेट स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करने के बजाय राष्ट्रीय युद्ध स्मारक जाकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिहं और देश के पहले सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुख भी मौजूद रहे।

बता दें कि साल 1971 में भारत-पाकिस्तान युद्ध के शहीदों की याद में साल 1972 में इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति का निर्माण किया गया था। इसके बाद से हर गणतंत्र दिवस पर अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देने की परंपरा थी, जो इस बार बदल दी गई।

बीते साल ही पीएम मोदी ने दिल्ली में 44 एकड़ क्षेत्र में फैले राष्ट्रीय युद्ध स्मारक देश को समर्पित किया था। यह गणतंत्र दिवस नारी शक्ति के लिहाज से भी खास है। दरअसल पहली बार इंडियन आर्मी की कैप्टन तानिया शेरगिल ने पुरुष टुकड़ी का नेतृत्व किया।

कैप्टन तानिया शेरगिल अपनी परिवार की चौथी पीढ़ी से हैं, जो सेना में रहकर देश सेवा कर रही है। कैप्टन तानिया शेरगिल के पिता सूरत सिंह भी सेना में सेवा दे चुके हैं और उनकी मां स्कूल टीचर के पद से रिटायर हैं।

गणतंत्र दिवस परेड में भारतीय वायुसेना ने अपाचे हेलीकॉप्टर्स का भी पहली बार प्रदर्शन किया। अपाचे हेलीकॉप्टर्स को भारत ने अमेरिका से खरीदा है और यह काफी अत्याधुनिक हेलीकॉप्टर माने जाते हैं। इनके अलावा चिनूक हेलीकॉप्टर भी पहली बार गणतंत्र दिवस परेड में प्रदर्शित किए गए। भारतीय वायुसेना ने डॉर्नियर विमान, जगुआर, सुखोई-30 जैसे लड़ाकू विमानों ने भी अपनी ताकत का हैरतअंगेज प्रदर्शन किया।

इस बार गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में ब्राजील के राष्ट्रपति जायरे बोल्सानोरो बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए। गणतंत्र दिवस को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। पूरे देश में हाई अलर्ट है और दिल्ली में चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था की गई है। राजधानी में ही 25 हजार के करीब जवान सुरक्षा व्यवस्था में तैनात किए गए हैं।