अभिनेत्री श्रीदेवी की दुबई  में मौत के बाद बाथटब के हादसों ने फिर दुनिया का ध्यान खींचा है। कई देशों में पहले भी बाथटब से  मौतें होती रहीं हैं। अमेरिका में ऐसी मौतें बड़ा मुद्दा बन चुकी हैं। पिछले साल इस पर तब लंबी बहस छिड़ी, जब तत्कालीन राष्ट्रपति बाराक  ओबामा प्रशासन से जुड़े दो अफसरों ने ब्लॉग लिखकर इस तरफ ध्यान आकृष्ट करने की कोशिश की। अमेरिका में नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की डायरेक्टर रहीं जेनी एम ईस्टरली और डिप्टी लीगल एडवाइजर जोशुआ जेल्टजर का ब्लॉग चर्चा में रहा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि अमेरिका में आतंकी हमले में उतने लोग नहीं मरते, जितने की बाथटब में नहाने के दौरान। लिहाजा सरकार को इसकी रोकथाम के लिए भी कुछ करना चाहिए।

ब्लॉग के हवाले से 22 मई 2017 को सीएनएन की रिपोर्ट में कहा गया कि अमेरिका में बाथटब से जितनी मौतें होती हैं, उससे सिर्फ एक तिहाई लोग ही आतंकी हमलों में मरते हैं। ब्लॉग में दोनों विशेषज्ञों ने कहा कि चूंकि आतंकी हमले लोगों में डर पैदा करते है, देश की राजनीति को प्रभावित करते हैं, इस नाते सरकारें आतंकी हमलों को लेकर कहीं ज्यादा सजग रहतीं हैं। यही वजह है कि बाथटब में हो रही मौतों को उतनी गंभीरता से नहीं लिया जाता, जितनी कि लेने की जरूरत है।

हर दिन डूबने से एक मौतः अमेरिकी वेबसाइट सिएटलपी (seattlepi.com) की रिपोर्ट, के मुताबिक अमेरिका में औसतन हर दिन एक व्यक्ति बाथटब में डूबकर मरता है। वेबसाइट ने एक सर्वे का उदाहरण दिया है। कहा है कि हावर्ड न्यूज सर्विस एजेंसी ने 1999 से 2003 क बीच सर्वे किया। पता चला कि पांच साल के भीतर 1676 लोग बाथटब मे डूबकर मरे। यानी एक साल का औसत रहा 335 लोगों के डूबने का। यूं तो बाथटब में बच्चों के डूबने का ज्यादा खतरा रहता है मगर देखा गया कि पांच साल से लेकर 64 साल तक के लोगों के डूबकर मरने की घटना सामने आई।

क्यों होती है मौतें:बाथ टब में मौतों के होने पर बोस्टन यूनिवर्सिटी के इपिडिमोलॉजिस्ट जोनाथन हालैंड कहते हैं कि,’जब आप गुनगुने पानी में नहाने का आनंद उठाने के लिए बाथटब में जाते हैं और ऊपर से और मस्ती के लिए ड्रिंक भी कर लेते हैं तो यही दोगुने आनंद की कामना और उत्तेजना जिंदगी पर भारी पड़ जाती है। वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट में सिएटल पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट इंजरी एंड वायलेंस प्रिवेंशन डिवीजन के मैनेजर टोनी गोमेज कहते हैं कि उनकी जांच में पता चला कि बाथ टब में डूबने से जितने लोगों की मौत हुई, उसमें से 70 प्रतिशत लोगों ने शराब पी हुई थी। लोग नशे में बाथटब में गए, फिर बेहोश हो गए और फिर डूबने से उनकी मौत हो गई।

सड़क हादसे से ज्यादा बाथटब में मर गएः वॉलस्ट्रीट जर्नल में 22 जनवरी 2016 को एक चौंकाने वाली रिपोर्ट प्रकाशित है। इसके मुताबिक जापान में पिछले एक दशक के बीच बाथटब से मौत की संख्या में 80 फीसद का इजाफा हुआ है। बाथटम में दस में से नौ मोतों में 65 साल या इससे अधिक के लोग शामिल रहे। यह आंकड़े जापान की कंज्यूमर एजेंसी के हवाले से जारी हुए हैं। एक आंकड़े के मुताबिक जापान में जहां 2004 में 2870 लोगं की मौत हुई, वहीं 2014 में यह आंकड़ा बढ़कर 4866 हो गया। जबकि 2015 में सड़क हादसे में इससे कम 4177 लोगों की मौत हुई।