मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि व्यापमं मामले की जांच की निगरानी कर रहे विशेष जांच दल (एसआईटी) को राज्य सरकार टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मृत्यु की जांच करने के लिए लिख रही है।

चौहान ने आज यहां अपने निवास पर संवाददाताओं से कहा, ‘‘टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मौत दुर्भाग्यजनक है और इससे मुझे दुख हुआ है। मैं दुख की इस घड़ी में उनके परिवार के साथ हूं और उनकी मौत की जांच के लिए वह एसआईटी को लिखेंगे’’।

उन्होंने कहा कि अगर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इस घोटाले की जांच सीबीआई सहित किसी और एजेंसी से कराना चाहता है, तो उनकी सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी। गौरतलब है कि कांग्रेस अन्य एजेंसी से इस घोटाले की जांच कराने की मांग कर रही है।

मुख्यमंत्री ने सिंह की मौत के वक्त के घटनाक्रम को विस्तार से बताते हुए कहा कि उनके शव का पोस्टमार्टम वीडियोग्राफी के साथ डॉक्टरों की एक टीम ने किया था। उन्होने कहा, ‘‘यह मैं ही था, जिसने व्यापमं मामला सामने आने के बाद इसकी जांच विशेष कार्य बल (एसटीएफ) को सौंपी थी। इसके बाद जब कुछ याचिकाकर्ताओं ने उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया, तो उसने (अदालत ने) खुद जांच की निगरानी का फैसला लिया’’।

व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं) घोटाले में उनकी सरकार में शामिल लोगों की संलिप्तता के लग रहे आरोपों पर सफाई देते हुए चौहान ने कहा कि मामले की जांच पर उनकी सरकार का कोई नियंत्रण नहीं है, क्योंकि यह सीधे तौर पर उच्च न्यायालय की निगरानी में की जा रही है और यह निगरानी वह (अदालत) हर सप्ताह करती है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा उच्च न्यायालय ने मामले की जांच कर रही एसटीएफ पर भी निगरानी के लिए विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया हुआ है। उन्होने कहा, ‘‘न केवल यह मौत बल्कि व्यापमं मामले से संबंधित हर मौत के मामले की जांच होना चाहिए और इसमें हमें कोई आपत्ति नहीं है’’।

यह पूछने पर कि व्यापमं घोटाले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को क्यों नहीं सौंपी जा सकती है, उन्होने कहा कि चूंकि इस मामले की जांच उच्च न्यायालय की कड़ी निगरानी में चल रही है और उच्चतम न्यायालय तक सीबीआई जांच की अपील को ठुकरा चुका है, इसलिए वह इस पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहेंगे’’।

उन्होंने कहा, ‘‘न्यायालयों की विश्वसनीयता सरकारों से अधिक है, इसलिए यदि वह (अदालत) उचित समझेगी तो मामले की जांच केंद्रीय एजेंसी सहित किसी भी एजेंसी से करा सकती है’’।

गौरतलब है कि दिल्ली स्थित एक अग्रणी समाचार चैनल के रिपोर्टर अक्षय सिंह की कल झाबुआ जिले के मेघनगर में उस समय अचानक रहस्यमय तरीके से मृत्यु हो गई थी, जब वह व्यापमं मामले में नाम सामने आने के बाद उज्जैन में रेलवे पटरियों के निकट संदिग्ध परिस्थितियों में पाई गई छात्रा नम्रता डामोर के शव के मामले में उसके माता-पिता का इंटरव्यू रिकॉर्ड करने के बाद अपने दो साथियों सहित कुछ दस्तावेजों की फोटोकॉपी मिलने का इंतजार कर रहे थे।

यह भी उल्लेखनीय है कि व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश एवं राज्य सरकार की कुछ नौकरियों में भर्तियों की परीक्षा आयोजित करने वाले व्यापमं में प्रवेश एवं भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ियों के इस घोटाले में कई नौकरशाह एवं राजनीतिज्ञों की कथित संलिप्तता सामने आई है और विपक्षी दल कांग्रेस ने इसकी जांच सीबीआई से कराने की मांग की है।