राज्यसभा सदस्य और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता रेणुका चौधरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर पलटवार किया है। पीएम मोदी बुधवार (7 फरवरी) को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर उच्च सदन में बयान दे रहे थे। उसी वक्त रेणुका चौधरी हंस पड़ी थीं। सदन के बाहर उन्होंने इसकी वजह बताई। कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मेरे पास सुबूत है जहां देश के प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस आधार कार्ड को लेकर नाच रही है। उन्होंने आधार कार्ड के खिलाफ पब्लिक में लंबा-चौड़ा बोला था। आज बता रहे हैं कि आधार कार्ड का बीज उस वक्त बोया गया था जब आडवाणी जी थे। मुझे इस बात पर हैरानी के साथ हंसी आ गई थी, क्योंकि वह 360 डिग्री पर मुकर जाते हैं। मैंने पहली बार ऐसा देखा…वह भी देश के प्रधानमंत्री को।’ रेणुका चौधरी ने राज्यसभा में पीएम मोदी के बयान पर आपत्ति भी जताई। उन्होंने कहा, ‘प्रधानमंत्री ने मुझ पर निजी टिप्पणी की। अगर वह सदन के बाहर होते तो उन पर कानून लागू हो जाता। महिलाओं को बदनाम करना एक अपराध है। वैसे भी मैं उन्हें जवाब देने के लिए उस स्तर तक नहीं गिर सकती हूं।’
#WATCH Congress MP Renuka Chowdhury speaks on PM Narendra Modi's comment on her laughter in Rajya Sabha pic.twitter.com/9ZwBdM5Eiq
— ANI (@ANI) February 7, 2018
प्रधानमंत्री के वक्तव्य के दौरान रेणुका चौधरी के ठहाका लगाकर हंसने से सभापति और उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू बेहद नाराज हो गए थे। उन्होंने पीएम मोदी को बीच में रोकते हुए कहा था कि उनके इस व्यवहार को कतई संसदीय नहीं कहा जा सकता है। इस पर प्रधानमंत्री हस्तक्षेप करते हुए कहा था, ‘सभापति जी, मेरी आपसे विनती है कि आप रेणुका जी को कुछ मत कहिए। रामायण सीरियल के बाद पहली बार ऐसी हंसी सुनने का सौभाग्य आज जाके मिला है।’ उधर, पार्टी की आलोचना पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री वीरप्पा मोईली ने कहा कि बयान देने से पहले पीएम मोदी जवाहर लाल नेहरू द्वारा लिखी गई डिस्कवरी ऑफ इंडिया और महात्मा गांधी द्वारा लिखित माय एक्सपेरिमेंट्स ऑफ ट्रूथ पढ़ लेते तो अच्छा होता। प्रधानमंत्री ने रज्यसभा से पहले लोकसभा में भी राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाए गए धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस में हिस्सा लिया था। दोनों सदनों में पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में कांग्रेस पर निशाना साधा। निचले सदन में राजग के घटक दल तेलुगु देशम पार्टी के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। वे आंध्र प्रदेश को विशेष दर्जा देने की मांग कर रहे थे। इस कारण प्रधानमंत्री को भारी शोर-शराबे के बीच ही बयान देना पड़ा था।