कैंसर इंस्टीट्यूट की चेयरपर्सन डॉ. वी. शांता ने पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सुनील मेहता को एक चिट्ठी लिख भ्रष्टाचार को कैंसर से जोड़ने पर अपनी नाराजगी जतायी है। बता दें कि 12,717 करोड़ रुपए के घोटाले के खुलासे पर पीएनबी बैंक के सीईओ सुनील मेहता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि यह (भ्रष्टाचार) एक कैंसर है, जो साल 2011 से चल रहा था, अब हम इसे खोजेंगे और इसका इलाज करेंगे। सुनील मेहता के भ्रष्टाचार से कैंसर को जोड़ने पर ही रमन मैग्सेसे अवॉर्ड विजेता डॉक्टर वी. शांता ने कड़ा एतराज जताया है। मशहूर अर्थशास्त्री अजीत रानाडे ने अपने ट्वीटर अकाउंट पर इस बात की जानकारी दी है और बाकायदा उस चिट्टी की एक तस्वीर भी साझा की है।
पीएनबी के सीईओ द्वारा कैंसर शब्द का इस्तेमाल करने पर नाराजगी जताते हुए डॉ. वी. शांता ने चिट्ठी में लिखा कि हालिया बैंक घोटाले में आपने जो कैंसर का हवाला दिया है उससे मुझे बहुत बुरा लगा है। भ्रष्टाचार एक गुनाह है, जिस पर शर्मिंदा होना चाहिए, ना कि कैंसर पर। डॉ. वी. शांता ने लिखा कि कई कैंसर के मरीज बीमारी से ठीक होकर स्वस्थ जीवन जी रहे हैं। कैंसर को भय, दोष से मत जोड़िए और शर्म से तो बिल्कुल नहीं।
Dr. V. Shanta, Chair of the Cancer Institute writes to CEO of #PNB. Please don’t associate corruption with cancer. “We do not want ‘cancer’ to be associated with guilt, hopelessness.. definitely not with shame”. Many patients are happy and proudly leading productive lives. pic.twitter.com/KBiv2TXkQZ
— Ajit Ranade (@ajit_ranade) March 1, 2018
पद्मभूषण विजेता डॉ. वी.शांता ने अन्य लोगों से भी अपील करते हुए कहा कि कैंसर शब्द का इस्तेमाल किसी गलत बात के लिए ना करें। उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि कैंसर के इलाज में लगे अन्य लोग भी उनकी बात से सहमत होंगे। बता दें कि डॉ. वी.शांता देश की मशहूर कैंसर स्पेशलिस्ट डॉक्टर हैं। कैंसर के इलाज में किए गए उनके कामों के लिए डॉ. वी.शांता को पद्मभूषण और पद्मविभूषण सम्मान से नवाजा जा चुका है। फिलहाल डॉ. शांता चेन्नई के कैंसर इंस्टीट्यूट WIA की चेयरपर्सन हैं। उल्लेखनीय है कि हाल ही में उद्योगपति नीरव मोदी और उनके सहयोगियों ने पंजाब नेशनल बैंक में 12,717 करोड़ का घोटाला किया था। जिसे लेकर जांच जारी है।