भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नरेश टिकैत को 2003 में हुई चौधरी जगबीर सिंह की हत्या के मामले में मुजफ्फरनगर की अदालत ने बरी कर दिया। नरेश टिकैत बलियान खाप के प्रमुख भी हैं। साक्ष्यों के अभाव में कोर्ट ने नरेश टिकैत को बरी करने का फैसला सुनाया।
अपर जिला व सत्र न्यायाधीश अशोक कुमार ने आरोपी नरेश टिकैत को यह कहते हुए बरी कर दिया कि अभियोजन पक्ष अपने आरोप साबित करने में विफल रहा है। पब्लिक प्रासीक्यूटर अमित त्यागी ने बताया कि राष्ट्रीय किसान मोर्चा के अध्यक्ष चौधरी जगबीर सिंह की छह सितंबर, 2003 को मुजफ्फरनगर के भौराकलां थाना क्षेत्र के अहलावलपुर गांव में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने तीन आरोपियों नरेश टिकैत, बिट्टू और प्रवीण के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
हालांकि वारदात के बाद से ही नरेश टिकैत का कहना था कि उनको इस हत्याकांड में जबरन फंसाया जा रहा है। विवाद को बढ़ता देख सरकार ने मामले की जांच सीबीसीआईडी को सौंपी गई थी। सीबीसीआईडी ने जांच के दौरान नरेश टिकैत को क्लीन चिट दे दी थी।
लेकिन अदालत ने इस मामले में टिकैत को तलब किया था। मामले की सुनवाई के दौरान दो अन्य आरोपियों बिट्टू और प्रवीण की मृत्यु हो गई थी। सिर्फ नरेश टिकैत पर ही मुकदमा चल रहा था। अब वो भी बरी हो चुके हैं।
नरेश टिकैत बोले- अदालत ने कर दिया इंसाफ
नरेश टिकैत का कहना है कि उन्हें भारत की न्यायपालिका पर अगाध विश्वास है। वो इस मामले में बेवजह फंसाए गए थे। न्याय देर से ही सही पर आया। 20 साल बाद उनको इस मामले से छुटकारा मिला। उनका कहना था कि इस हत्याकांड में उनका कोई हाथ नहीं था। पुलिस ने बेवजह उनका नाम खींचा। अदालत की सुनवाई में दूध का दूध और पानी का पानी हो गया। फैसले के बाद वो राहत में हैं। ध्यान रहे कि नरेश और राकेश टिकैत दिग्गज किसान नेता महेंद्र सिंह टिकैत के पुत्र हैं। किसान आंदोलन के समय दोनों भाई फिर से चर्चा में आए थे।