कारोबारी धीरूभाई अंबानी की कहानी किसी परीकथा की तरह ही लगती है। एक ऐसा शख्स जिसने अपनी पढ़ाई लिखाई भी ठीक से पूरी न की हो और कम उम्र से ही रेहड़ी लगाने जैसे काम किए हों। उसने जब इस दुनिया को अलविदा कहा तो उनकी कुल संपत्ति की कीमत 62 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा थी। धीरूभाई अंबानी की कहानी हर उस शख्स के लिए प्रेरणा की कहानी है जो कि खुद को गरीबी से निकालकर कामयाबी की मंजिल तक पहुंचना चाहता है। धीरूभाई अंबानी ने अपने जिंदगी में कारोबार में न जाने कितनी बार जोखिम उठाए लेकिन हर बार वे आगे बढ़े। उन्होंने सफलता को हासिल करने के लिए कभी जोखिम की परवाह नहीं की।

कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था: धीरूभाई अंबानी का जन्म गुजरात के जूनागढ़ में 1932 को हुआ था। धीरूभाई अंबानी के पिता एक शिक्षक थे। घर की स्थिति ऐसी थी कि धीरूभाई को अपनी पढ़ाई लिखाई बीच में ही छोड़नी पड़ी। अपने परिवार की मदद के लिए उन्होंने कम उम्र से ही काम करना शुरू कर दिया था। फल और नाश्ता बेचने के लिए धीरूभाई ने रेहड़ी लगाई। इसके बाद उन्होंने पकौड़े बेचने की दुकान खोली।

इन दो कामों में मिली नाकामी के बाद धीरूभाई के पिता ने उन्हें नौकरी करने की सलाह दी। अपने भाई की मदद से वे यमन पहुंचे और पेट्रोल पंप पर नौकरी की। इसके बाद धीरूभाई को पहली बार कामयाबी हाथ लगी और वे मैनेजर के पद तक पहुंच गए। हालांकि दिलचस्पी तो उनकी कारोबार में ही बनी हुई थी।

सस्ती चाय छोड़ पीते थे महंगी चाय: धीरूभाई अंबानी जहां काम करते थे वहां के कर्मचारियों को 25 पैसे में चाय मिला करती थी लेकिन वे एक होटल में जाकर एक रुपये की चाय पिया करते थे। वे ऐसा इसलिए करते थे जिससे उन्हें होटल में आने वाले कारोबारियों और व्यापारियों की बातें सुनने को मिल सकें और इस तरह धीरूभाई ने कारोबार की एबीसीडी सीखी।

चांदी का कारोबार: यमन में सिक्कों को पिघलाकर उन्होंने एक अंग्रेजी कंपनी को बेचा। इससे उन्होंने काफी मुनाफा कमाया। भारत लौटे तो अंबानी ने अपने मामा के साथ मिलकर शक्कर और मसालों का कारोबार किया। रिलायंस की स्थापना करते हुए अंबानी ने भारत के मसालों को विदेश में बेचा। इसके बाद अंबानी ने सूत के कारोबार में कदम रखा तो वहां भी कामयाबी मिली और विमल ब्रैंड की शुरुआत हुई।

इसके बाद अंबानी ने पेट्रोलियम और दूरसंचार की दुनिया में कामायाबी हासिल की। 2000 में वे देश के सबसे अमीर शख्स थे और 2002 में उन्होंने इस दुनिया को अलविदा कहा।