दिल्ली के लाल किला विस्फोट मामले से जुड़ी एक संदिग्ध लाल फोर्ड इकोस्पोर्ट कार का पता लगा लिया गया है और इसे फरीदाबाद जिले के खंदावली में जब्त कर लिया गया है। सूत्रों ने बताया कि लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार डॉ. उमर नबी के नाम पर रजिस्टर है जो विस्फोट से पहले कथित तौर पर हुंडई i20 चला रहा था। इस बीच कश्मीर के शोपियां और हरियाणा के फरीदाबाद से 800 किलोमीटर दूर स्थित दो मौलवियों को जम्मू-कश्मीर पुलिस ने उस कथित आतंकी मॉड्यूल में गिरफ्तार किया है, जिसका संबंध अब लाल किला विस्फोट से जुड़ गया है । पुलिस का दावा है कि एक मौलवी ने इस मॉड्यूल में कुछ लोगों को प्रशिक्षित किया था जबकि दूसरे ने अपना परिसर एक डॉक्टर को किराए पर दिया था जिसने कथित तौर पर वहाँ विस्फोटक जमा कर रखे थे।

शोपियां के नादिगाम इलाके में मौलवी इरफ़ान अहमद वागे के परिवार और उनके साथियों को ज़रा भी अंदाज़ा नहीं था कि वो पुलिस की नज़र में हैं। घर पर बैठी उनकी पत्नी फ़ातिमा ने कहा, “मैंने उन्हें कभी नमाज़ के अलावा कुछ करते नहीं देखा।” अहमद वागे, जिन्हें स्थानीय रूप से ‘मुफ्ती साहब’ के नाम से जाना जाता है, उन सात लोगों में से एक हैं जिन्हें लाल किला विस्फोट से पहले जम्मू-कश्मीर पुलिस द्वारा प्रतिबंधित आतंकवादी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और अंसार गजवत-उल-हिंद से जुड़े अंतर-राज्यीय और अंतरराष्ट्रीय मॉड्यूल की जांच के तहत गिरफ्तार किया गया था।

पत्नी फ़ातिमा और मौलवी इरफ़ान की तीन बहनों ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उसे 18 अक्टूबर को नादिगाम स्थित उनके घर से उठा लिया गया था। उसकी बड़ी बहन सबी जान ने बताया, “वह हमेशा की तरह शनिवार को श्रीनगर से घर आया। घर के अहाते में एक कप चाय पी और नमाज़ के लिए निकल गया। रात के खाने के बाद सब अपने कमरों में चले गए और रात करीब 11 बजे पुलिस ने दरवाज़ा खटखटाया।”

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इरफान वागे ने 7 साल श्रीनगर के नौगाम के नाइक बाग़ इलाके की एक मस्जिद में नमाज पढ़ाते हुए बिताए

सात भाई-बहनों में चौथे नंबर के, 24 वर्षीय वागे ने तीसरी कक्षा तक औपचारिक स्कूल में पढ़ाई की। परिवार के अनुसार, उनके दादा ने उन्हें धार्मिक शिक्षा की दीक्षा दी और श्रीनगर के लाल बाज़ार स्थित दारुल उलूम बिलालिया में उनका दाखिला कराया। यहां अपनी बुनियादी धार्मिक शिक्षा पूरी करने के बाद, वागे 2017-18 में मुफ्ती बनने के लिए अपनी पढ़ाई जारी रखने और प्रशिक्षण लेने के लिए देवबंद चले गए।

गर्भवती फ़ातिमा ने बताया, “हमारी शादी 2021 में हुई थी।” उनका एक तीन साल का बच्चा भी है। फ़ातिमा के अनुसार, इरफान वागे ने पिछले सात साल श्रीनगर के नौगाम के नाइक बाग़ इलाके की एक मस्जिद में नमाज़ पढ़ाते हुए बिताए हैं। परिवार ने कहा कि वे इस मामले के किसी भी अन्य आरोपी के नाम से परिचित नहीं हैं। पुलिस जांच में इरफान वागे और 6 अन्य लोगों की गिरफ्तारी के साथ ही आतंकवादी मॉड्यूल का खुलासा हुआ, जिनमें आरिफ निसार डार, यासिर-उल-अशरफ और मकसूद अहमद डार शामिल थे। ये सभी नौगाम के निवासी थे।

इन लोगों की हुई गिरफ्तारी

जांच के दौरान पुलिस अनंतनाग, गंदेरबल और शोपियां पहुँची। इसके बाद, उन्होंने हरियाणा पुलिस के साथ मिलकर फरीदाबाद और उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मिलकर सहारनपुर में छापेमारी की और तीन डॉक्टरों को गिरफ्तार किया, जबकि चौथा डॉक्टर, लाल किला विस्फोट का संदिग्ध उमर नबी, उन्हें चकमा देकर भाग निकला। वागे के परिवार ने दावा किया कि उन्हें पहले कभी पूछताछ के लिए नहीं बुलाया गया था और हमारे घर की पहले कभी तलाशी नहीं ली गई। जम्मू-कश्मीर के शोपियां के नादिगाम स्थित वागे के घर से 18 अक्टूबर को पुलिस उन्हें ले गई थी। उन्होंने कहा कि शोपियां से उन्हें गिरफ्तार करने के लगभग तीन सप्ताह बाद उनके कमरे की तलाशी ली गई।

हरियाणा से हुई मौलाना इश्तियाक की गिरफ्तारी

हरियाणा के धौज स्थित मौलाना इश्तियाक के घर पर उनकी पत्नी बाहरी लोगों से बात नहीं करना चाहती और ज़्यादातर बातें उनकी 17 साल की सबसे बड़ी बेटी ही कर रही। उसके तीन छोटे भाई-बहन हैं।

इश्तियाक को जम्मू-कश्मीर पुलिस कथित आतंकी मॉड्यूल के सिलसिले में श्रीनगर ले गई है। अधिकारियों ने बताया कि वह मेवात का रहने वाला है और अल फलाह परिसर के अंदर एक मस्जिद में मौलवी था जहां मॉड्यूल से जुड़े तीन डॉक्टर काम करते थे। फतेहपुर तागा गांव की दहर कॉलोनी में उसका एक मकान है जहां उसने एक कमरा आतंकी मॉड्यूल के प्रमुख आरोपियों में से एक डॉ. मुजम्मिल गनई को किराए पर दे रखा था।

रविवार और सोमवार को छापेमारी के दौरान पुलिस को इसी किराये के मकान से विस्फोटक मिले थे। उनके बच्चों ने बताया कि वे स्कूल नहीं जाते, लेकिन इश्तियाक उन्हें घर पर ही पढ़ना-लिखना सिखाते हैं। उनकी बेटी ने बताया कि हिरासत के बाद से विश्वविद्यालय या परिवार से कोई भी उनसे संपर्क में नहीं है। हम परिवार की तस्वीरें नहीं रखते या रखते हैं। हमारे पास जो एक फ़ोन था, वह हमारे पिता का था, जिसे अधिकारियों ने छीन लिया है।

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