मुसलमानों में तलाक इस समय राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना हुआ है। सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों की संविधान पीठ तीन तलाक और हलाला निकाह से जुड़ी याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। लेकिन मुसलमानों में तलाक से जुड़े एक हालिया ऑनलाइन सर्वे की मानें तो माता-पिता और रिश्तेदारों द्वारा उकसाया जाना मुसलमानों में तलाक की सबसे बड़ी वजह है। इसके अलावा दहेज न दे पाना और दूसरी महिला से संबंध भी मुसलमानों में तलाक की दो और बड़ी वजहे हैं।

इस सर्वे में 20671 मुस्लिम (16860 पुरुष और 3811 महिलाएं) शामिल थे। इसे दिल्ली स्थित संस्था सेंटर फॉर रिसर्च एंड डीबेट्स इन डेवलपमेंट पॉलिसी (सीआरडीडीपी) ने किया है। सीआरडीडीपी ने अपना डाटाबेस के पुष्ट किए जा चुके एक लाख लोगों में से इस ऑनलाइन सर्वे के लिए उत्तरदाताओं को चुना। इस सर्वे का नेतृत्व डॉक्टरअबु सालेह शरीफ ने किया जो सच्चर कमेटी के सदस्य थे।

सर्वे में शामिल 13.27 मामलों में तलाक की वजह माता-पिता या रिश्तेदारों द्वारा उकसाया जाना बताया गया। सर्वे के तहत विश्लेषित मामलों में दहेज 8.41 प्रतिशत मामलों में और पति का दूसरी महिला से संबंध 7.96 प्रतिशत मामलों में तलाक की वजह बना। सर्वे में बीवी के बच्चा न होने को 7.08 प्रतिशत मामलों में तलाक का कारण बताया गया।

सर्वे में विश्लेषित केवल 0.44 प्रतिशत मामलों में गुस्से में आकर एक ही बार में तीन बार तलाक दिया गया था। सर्वे के नतीजे के अनुसार केवल 0.33 मामलों में मौखिक (बोलकर) तलाक दिया गया। सर्वे में केवल 0.88 प्रतिशत मामलों में पति ने शराब के नशे में तलाक दिया था। हालांकि इस सर्वे में तलाकी की सबसे बड़ी वजह रही “अन्य कारण” क्योंकि 37.61 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने “अन्य कारण” को तलाक की वजह बताया।

सर्वे में शामिल 46 प्रतिशत पुरुष और 39 प्रतिशत महिलाएं स्नातक तक शिक्षित थीं। सर्वे में शामिल 59 प्रतिशत महिलाओं के पास आय का कोई निजी स्रोत नहीं था। पुुरुषों में करीब 31 प्रतिशत की आय 10 हजार रुपये महीने से 29,999 रुपये महीने के बीच थी। सर्वे में शामिल करीब 50 प्रतिशत महिलाएं गृहिणी थीं। वहीं 31 प्रतिशत पुरुषों ने खुद को पेशेवर/मैनेजमेंट श्रेणी का बताया।

दिल्ली स्थित एक संस्था द्वारा किए गए ऑनलाइन सर्वे के नतीजे। (इंडियन एक्सप्रेस ग्राफिक्स)