जेडीयू के बागी नेता शरद यादव और अली अनवर को सोमवार रात राज्यसभा से अयोग्य करार दिया गया। राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू की तरफ से देर रात शरद यादव को भेजे गए पत्र में यह जानकारी दी गई। रात करीब साढ़े दस बजे शरद यादव के निवास पर भेजे गए 23 पन्नों के पत्र में कहा गया है, ‘‘तत्काल प्रभाव से आपकी राज्यसभा की सदस्यता खत्म की जा रही है।’’ शरद यादव फिलहाल चुनाव प्रचार के सिलसिले में गुजरात में हैं। राज्यसभा के सभापति जद यू के इस तर्क से सहमत थे कि दोनों वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के निर्देशों का उल्लंघन करते हुए और विपक्षी दलों के कार्यक्रमों में शामिल होकर ‘‘स्वेच्छा से अपनी सदस्यता त्याग दी।’’ जेडीयू अध्यक्ष और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के महागठबंधन से हटने और भाजपा के साथ गठबंधन करने के बाद यादव ने विपक्ष से हाथ मिला लिया था। यादव को पिछले वर्ष सदन के लिए चयनित किया गया था और उनका कार्यकाल 2022 में खत्म होने वाला था। अनवर का कार्यकाल अगले साल की शुरुआत में खत्म होने वाला था।
I am disqualified from Rajya Sabha as Mahagathbandan which was formed to defeat NDA in Bihar & after 18 months to break it & joining NDA to remain in power & if to speak against this undemocratic style is my fault I will continue to fight to save democracy.
— Sharad Yadav Memorial (@SharadYadavMP) December 5, 2017
शरद यादव ने दिया बयान: इस मामले पर पूर्व जेडीयू अध्यक्ष ने अपनी पहली प्रतिक्रिया में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर अप्रत्यक्ष रूप से निशाना साधा। आधिकारिक ट्विटर हैंडल से उन्होंने लिखा, ”मुझे राज्य सभा से अयोग्य करार दिया गया है। महागठबंधन बिहार में एनडीए को हराने के लिए बनाया गया था, लेकिन 18 महीने बाद उसे तोड़कर सत्ता में बने रहने के लिए एनडीए जॉइन कर लिया। अगर इस अप्रजातंत्रवादी तरीके के खिलाफ बोलना मेरा कसूर है तो मैं लोकतंत्र को बचाने की लड़ाई लड़ता रहूंगा”।