संजय लीला भंसाली की बहुचर्चित फिल्म ‘बाजीराव-मस्तानी’ को पाकिस्तान में बैन किया जा सकता है। हालांकि, पाकिस्तान के सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने इस पर अभी तक कोई आधिकारिक फैसला नहीं किया है। वैसे पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांत के दो सेंसर बोर्ड इस फिल्म को हरी झंडी दिखा चुके हैं। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि सेंट्रल बोर्ड भी इसे मंजूरी दे देगा, लेकिन यह इतना आसान भी नहीं है। CBFC के चेयरमैन मोबशर हसन ने ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ से कहा, ‘पहली बात तो यह है कि ये फिल्म हिंदी में है और हम हिंदी फिल्म नहीं दिखाते। दूसरी बात यह है कि यह फिल्म एक हिस्टोरिकल ड्रामा है, जो कि अप्रत्यक्ष रूप से इस्लाम विरोधी है।’ भारत में फिल्म 18 दिसंबर को रिलीज हो रही है।
पाकिस्तान के सेंसर बोर्ड के चेयरमैन से जब पूछा गया कि क्या फिल्म के इंटीमेट और फाइट सीन्स को लेकर कोई दिक्कत है? इस पर उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए बड़ा विषय नहीं है। पैनल और लोकल ड्रिस्टीब्यूटर्स ने फिल्म को रिजेक्ट कर दिया था, इसलिए हमने फिल्म का एक बार फिर रिव्यू करने के लिए कहा है।
पाक में फिल्मों का डिस्ट्रीब्यूशन देखने वाली कंपनी IMGC के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर आबिद रशीद के मुताबिक ‘बाजीराव मस्तानी’ में ‘रामलीला’ जैसे सीन्स नहीं हैं। फिर भी सिंध बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (SBFC) ने इसे 15-20 सेकंड के कट के साथ पास कर दिया है।