Ranveer Allahbadia Controversy: मशहूर यूट्यूबर और सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर रणवीर इलाहाबादिया ने समय रैना के शो इंडियाज गॉट लेटेंट में जो विवादित बयान दिया था, उसका देश भर में विरोध हुआ और यह सवाल भी खड़े हुए कि क्या सोशल मीडिया पर चलने वाले कंटेंट में कोई लगाम नहीं होनी चाहिए। इस विवाद के मद्देनजर अब केंद्र सरकार ऐसे प्लेटफॉर्म्स के कंटेंट में अश्लीलता पर लगाम लगाने की तैयारी कर रही है।

दरअसल, संसदीय पैनल को भेजे अपने पत्र में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा है कि समाज में इस बात को लेकर चिंता बढ़ रही है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर अश्लील और हिंसक सामग्री दिखाने के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक अधिकार का दुरुपयोग किया जा रहा है।

आज की बड़ी खबरें

संसदीय कमेटी को दी गई जानकारी

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की अध्यक्षता वाली संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी संबंधी स्थायी समिति को बताया कि मौजूदा कानूनों के तहत कुछ प्रावधान तो मौजूद हैं लेकिन इस तरह की हानिकारक सामग्री को नियंत्रित करने के लिए एक सख्त और अधिक प्रभावी कानूनी ढांचे की मांग बढ़ रही है। इसने कहा कि इस मंत्रालय ने इन घटनाक्रमों पर ध्यान दिया है और वर्तमान वैधानिक प्रावधानों और एक नए कानूनी ढांचे की आवश्यकता की जांच करने की प्रक्रिया में है।

20 फरवरी के कार्यालय ज्ञापन में मंत्रालय ने यह भी कहा है कि कई उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालय, सांसदों और राष्ट्रीय महिला आयोग जैसी वैधानिक संस्थाओं ने भी इस मुद्दे पर बात की है। समिति ने 13 फरवरी को मंत्रालय से पूछा था कि नई तकनीक और मीडिया प्लेटफॉर्म के उभरने के मद्देनजर विवादास्पद सामग्री पर लगाम लगाने के लिए मौजूदा कानूनों में क्या संशोधन की जरूरत है।

‘शो को सालों पहले ही बंद कर देना चाहिए था…’: रणवीर इलाहाबादिया और ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ विवाद पर कॉमेडियन वरुण ग्रोवर ने किया कमेंट

IT मंत्रालय के सचिव को लिखा गया था पत्र

इस मामले में पैनल ने पिछले हफ्ते एक बैठक के दौरान विशेष रूप से इलाहाबादिया से जुड़े मुद्दे को उठाया था, जिसमें सूचना एवं प्रसारण सचिव संजय जाजू भी मौजूद थे। बैठक के बाद समिति ने इस मुद्दे पर इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के सचिव एस कृष्णन को पत्र लिखा।

इस पत्र में कहा गया था कि उपरोक्त और डिजिटल तथा सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के दुरुपयोग की बढ़ती घटनाओं के मद्देनजर, इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय से अनुरोध है कि वह इस समिति को ऐसे मामलों से निपटने के लिए मौजूदा कानूनों की प्रभावशीलता और ऐसे प्लेटफॉर्म को कानूनी जांच के दायरे में लाने के लिए मौजूदा कानूनों/आईटी अधिनियम, 2000 में संशोधन की आवश्यकता पर एक संक्षिप्त नोट भेजे।

रणवीर इलाहाबादिया को अनिरुद्धाचार्य ने कहा ‘नालायक’, बोले- ‘मां-बाप के पर्सनल कार्य में पुत्र का क्या हस्तक्षेप?’

ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को दिए थे सरकार ने निर्देश

संसदीय पैनल को पत्र लिखने से एक दिन पहले, सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने ओटीटी (ओवर-द-टॉप) मीडिया प्लेटफार्मों को कंटेंट के आयु-आधारित वर्गीकरण का पालन करने और स्व-नियमन सुनिश्चित करने के लिए भी कहा था। 19 फरवरी को जारी एक एडवाइजरी में मंत्रालय ने सोशल मीडिया चैनलों और ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को आईटी नियम 2021 में निर्धारित आचार संहिता का पालन करने और बच्चों को अनुचित कंटेंट के इस्तेमाल करने से रोकने के लिए ए-रेटेड सामग्री के लिए पहुंच नियंत्रण लागू करने को कहा है।

केंद्र सरकार ने जोर देकर कहा कि कानून के अनुसार ओटीटी प्लेटफॉर्म को ऐसा कोई भी कंटेंट प्रसारित नहीं करना चाहिए, जो कानून द्वारा निषिद्ध हो (और) सामग्री का आयु-आधारित वर्गीकरण करना चाहिए। इसने महिलाओं के अभद्र चित्रण अधिनियम, 1986, भारतीय न्याय संहिता, 2023, यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (POCSO) अधिनियम और सूचना प्रौद्योगिकी (IT) अधिनियम, 2000 के प्रावधानों का भी हवाला दिया, जिसमें अश्लील/अश्लील सामग्री का प्रकाशन दंडनीय अपराध है। रणवीर इलाहाबादिया से जुड़ी अन्य सभी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें।