विवादित स्वयंभू संत रामपाल की ओर से रविवार देर रात नरमी के संकेत मिले, जब उनके करीबी सहयोगी ने कहा कि वे हाई कोर्ट के निर्देशों का पालन करेंगे और अगर ‘स्वास्थ्य’ ने साथ दिया तो वे सोमवार को अदालत के समक्ष उपस्थित भी होंगे।
इस बयान के साथ ही विभिन्न प्राधिकारों और रामपाल के समर्थकों के बीच गतिरोध के कम होने की संभावनाएं दिखने लगी हैं। हरियाणा के हिसार शहर में बढ़ रहे तनाव के बीच रामपाल के आश्रम के प्रवक्ता राज कपूर ने कहा-संत रामपाल जी, अतीत में जब भी जरूरत पड़ी है अदालत के समक्ष पेश हुए हैं। हम कानून का पालन करने वाले नागरिक हैं। रामपाल (63) का स्वास्थ्य ठीक नहीं होने का दावा करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर सोमवार सुबह फिर उनके स्वास्थ्य की जांच करेंगे और देखना होगा कि क्या वे चंडीगढ़ तक यात्रा कर सकते हैं। शहर यहां से 270 किलोमीटर दूर है।
आश्रम के बाहर पत्रकारों से प्रवक्ता ने कहा-अगर संत रामपाल सोमवार सुबह बेहतर महसूस करते हैं, तो हम अदालत जाएंगे। हमने उस विकल्प को खुला रखा है। उन्होंने कहा कि अगर तब तक रामपाल की सेहत में सुधार नहीं होता है तो हम फिर से चिकित्सा प्रमाणपत्र देंगे। पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने पिछले सोमवार को रामपाल के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले में ताजा गैर-जमानती वारंट जारी कर पूछा है कि 2006 के हत्याकांड मामले में क्यों न उनकी जमानत रद्द की जाए।
इसके पहले हाई कोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार के पास रामपाल को गिरफ्तार करने की इच्छाशक्ति नहीं है और इसके समक्ष उपस्थित करने के लिए गंभीर प्रयास नहीं किए गए। अदालत ने हरियाणा के पुलिस महानिदेशक और गृह सचिव को निर्देश दिया कि सुनिश्चित किया जाए कि रामपाल अदालत के समक्ष उपस्थित हों। रामपाल पर हिसार सत्र न्यायालय में एक मामले की सुनवाई के दौरान न्यायिक प्रक्रिया में हस्तक्षेप के आरोप हैं। 15 जुलाई को उनके समर्थक हिसार में जिला अदालत परिसर के अंदर घुस गए और अदालत की कार्यवाही में बाधा डालने का प्रयास किया।
हाई कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया और रामपाल व राज्य सरकार को नोटिस जारी किए। उनके अदालत में उपस्थित नहीं होने पर पिछले हफ्ते अदालत ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी किए और हरियाणा सरकार से कहा कि उन्हें और उनके शिष्य रामकुंवर ढाका को अदालत में पेश किया जाए। बरवाला शहर से गाबीपुर गांव तक सात किलोमीटर लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग पर सभी ढाबों को बंद कर दिया गया है।
हिसार जिला प्रशासन ने आश्रम के आसपास स्कूलों को तीन दिन के लिए बंद करने के आदेश दिए हैं जबकि इलाके के अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पुलिस व रामपाल के समर्थकों के बीच किसी संघर्ष की स्थिति में करीब 40 एंबुलेंस को तैयार रखा गया है।
इससे पहले अधिकारियों ने आश्रम में बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी थी। पुलिस नजर रख रही है कि सोमवार को अदालत में सुनवाई के मद्देनजर रामपाल के अनुयायी चंडीगढ़ की तरफ कूच नहीं करें क्योंकि इससे कानून-व्यवस्था की समस्या आ सकती है।
रामपाल के अनुयायियों का कहना था कि उनके (रामपाल के) पूरी तरह स्वस्थ होने तक वे उनकी गिरफ्तारी नहीं होने देंगे। रामपाल ने अपना आश्रम रोहतक से हिसार के बरवाला में स्थानांतरित कर लिया था। जुलाई 2006 में ग्रामीणों के साथ संघर्ष के दौरान उनके आश्रम में हजारों समर्थक जुट गए थे और हत्या के मामले में रामपाल को गिरफ्तार करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी थी। 2013 में एक बार फिर जब उन लोगों ने रोहतक जिले के करौंथा गांव में आश्रम को अपने कब्जे में लेने का प्रयास किया तो बड़ी संख्या में उनके समर्थक आश्रम के अंदर चले गए और वहां से हटने से इनकार कर दिया जिसके बाद हुए संघर्ष में दो लोग मारे गए और कई अन्य जख्मी हो गए।
अधिकारियों ने कहा कि चंडीगढ़ में पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के आसपास सुरक्षा के उपाय बढ़ा दिए गए हैं जबकि रेलवे स्टेशन एवं अंतरराज्यीय बस टर्मिनल के आसपास अतिरिक्त बलों की तैनाती की गई है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने शनिवार को रामपाल से अपील की थी कि वे ‘शांतिपूर्ण तरीके से’ ‘बिना किसी बाधा के’ अदालत में पेश हो जाएं। उन्होंने कहा, ‘हर किसी को न्यायिक प्रणाली की गरिमा को प्राथमिकता देनी चाहिए।’