उत्तर प्रदेश के अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर के उद्घाटन की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। अयोध्या में राम मंदिर का प्राण-प्रतिष्ठा समारोह 22 जनवरी 2024 को होगा, जिसमें प्रधानमंत्री शिरकत करेंगे। इससे पहले 30 दिसंबर को पीएम मोदी अयोध्या जाएंगे। इस दौरान वह रोड शो में शामिल होंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया कि 70 एकड़ में बनने वाले राम मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति गर्भ ग्रह में विराजित होगी। यह राम का वह रूप होगा, जिसमें वे 5 साल के बालक रूप में होंगे। चंपत राय ने बताया कि मुख्य मंदिर 360 फुट लंबा और 235 फुट चौड़ा होगा। मंदिर का शिखर 161 फुट ऊंचा होगा। उन्होंने कहा कि जो मूर्ति स्थापित होगी वह उस स्वरूप की होगी जिसमें भगवान की शादी नहीं हुई है। यानी की मुख्य मंदिर में आपको मां सीता की मूर्ति नजर नहीं आएगी। आइए जानते हैं राम मंदिर और राम लला की मूर्ति से जुड़ी 10 बड़ी बातें।
- प्राण प्रतिष्ठा के बाद जब भक्त भगवान के दर्शन के लिए जाएंगे तो उन्हे एक नहीं दो मूर्तियां दिखेंगी। एक रामलला विराजमान की चल मूर्ति, जिसे मंदिर में स्थापित किया जाएगा।जबकि दूसरी अचल मूर्ति, जिसकी प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।
- अयोध्या में पिछले 7 महीनों से राजस्थान और कर्नाटक से आए पत्थरों से तीन मूर्तिकार रामलला की 5 वर्ष के बालक सामान मूर्ति का निर्माण कर रहे हैं। मूर्ति का निर्माण अयोध्या में हो रहा है। राम मंदिर की कार्यशाला रामसेवक पुरम कर सेवक पुरम और विवेक सृष्टि में अलग-अलग मूर्तिकार रामलला को आकर दे रहे। 5 वर्ष के बालक स्वरूप रामलला कमल दल पर सवार होंगे। हाथ में तीर और धनुष होगा माथे पर मुकुट होगा। ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय की माने तो जनवरी के पहले सप्ताह में रामलला की तीनों मूर्तियां में से एक मूर्ति को फाइनल कर लिया जाएगा।
- जलाभिषेक के लिए नेपाल की नदियों का जल एकत्रित किया गया है। बागमती, नारायणी, गंगा सागर, दूधमति, काली, गंडकी, कोशी, कमला नदियों का जल भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा के समय पूजन विधि में उपयोग किया जाएगा। आज से जलाभिषेक यात्रा शुरू गई है। तांबे के कलश में 250 लीटर जल लाया जा रहा है जो कि नेपाल की प्रमुख और पवित्र नदियों से लिया गया है। 29 दिसंबर को नेपाल का पवित्र जल जल राम मंदिर ट्रस्ट को सुपुर्द किया जाएगा।
- तीन मंजिल के राम मंदिर में अब सेकेंड फ्लोर बनाया जा रहा है। मंदिर का ग्राउंड फ्लोर तैयार हो चुका है। पहली मंजिल भी 80 प्रतिशत बन चुकी है।
- मंदिर में परकोटों का निर्माण करवाया जा रहा है। यह नए तरह का प्रयोग है। अभी निर्माण जारी है, पूरा होने में करीब 6 महीने और लगेंगे। इन परकोटा में बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए लिफ्ट लगेंगी।
- प्राण प्रतिष्ठा के दिन प्रसाद के साथ अयोध्या दर्शन किताब दी जाएगी। गीता प्रेस की अयोध्या दर्शन अयोध्या के इतिहास, प्राचीन मान्यताओं, रामकथा से जुड़े अध्याय से सम्बंधित लेखों और अयोध्या के मंदिरों के बारे में है। गीता प्रेस इसकी 10 हजार कॉपियां छपवा रहा है। इसे श्रीराम ट्रस्ट को निशुल्क दिया जाएगा। ट्रस्ट के आमंत्रित अतिथियों को प्रसाद के साथ अयोध्या दर्शन किताब दी जाएगी।
- चंपत राय ने बताया- परकोटे के एक कोने पर सूर्य मंदिर होगा। दूसरे कोने पर भगवान शंकर का मंदिर है। तीसरे पर भगवती और चौथे पर गणेश और दक्षिणी भुजा पर हनुमान मंदिर होगा। जटायु की प्रतिमा को कुबेर टीला पर स्थापित किया जा रहा है।
- मंदिर में करीब 25 हजार यात्रियों के सामान रखने का लॉकर होगा। परिसर में ही चिकित्सालय बनेगा। दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनेंगे। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने कहा कि बताया कि श्रद्धालुओं के लिए एक फैसिलिटी सेंटर का निर्माण किया गया है। इसमें 25 हजार श्रद्धालुओं के लिए लॉकर की भी सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें यात्री अपना जरूरी सामान जैसे पर्स, मोबाइल, छोटा बैग, जूते आदि रख सकेंगे। इस फैसिलिटी सेंटर में 500 लोगों के लिए टॉयलेट और अन्य सुविधाएं मौजूद होंगी।
- भव्य मंदिर में 392 खंभे होंगे, 14 फीट चौड़ी परकोटा परिधि होगी जो 732 मीटर तक फैली होगी। मंदिर परिसर की 70 एकड़ जमीन के 30 फीसदी हिस्से पर निर्माण किया जाएगा। 70 फीसदी हिस्सा हरित क्षेत्र होगा।
- मंदिर के स्तंभों में देवी देवताओं की मूर्तियां बनाई जा रही है। तो मंदिर के गर्भ ग्रह में भगवान राम जहां विराजमान होंगे। उस आसान को भी स्वर्ण जड़ित किया जा रहा है।