महाराष्ट्र की सियासत में बीजेपी और उसके सहयोगी दलों के भीतर जारी संघर्ष की खबरें लगातार आ रही हैं। अब केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दावा किया है कि अजित पवार की अगुआई वाली एनसीपी को महायुति सरकार में शामिल किए जाने के कारण उनकी पार्टी आरपीआई (ए) को वादे के बावजूद राज्य में कोई मंत्री पद नहीं मिला, हालांकि रामदास अठावले ने कहा कि उन्हें यकीन है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में सत्ता मौजूद गठबंधन (महायुति) 150 से 160 सीटें हासिल करेगा।
क्या बोले रामदास अठावले?
केंद्र सरकार में सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री रामदास अठावले ने कहा, “अजित पवार के महायुति सरकार में शामिल होने के बाद आरपीआई (ए) को महाराष्ट्र कैबिनेट में कोई मंत्री पद नहीं मिला। हमारी पार्टी को कैबिनेट में पद, दो निगमों की अध्यक्षता और जिला स्तरीय समितियों में भूमिका देने का वादा किया गया था। लेकिन पवार के शामिल होने के कारण यह सब नहीं हो सका।”
उन्होंने आगे कहा, “आने वाले महाराष्ट्र चुनावों के लिए आरपीआई (ए) को चुनाव लड़ने के लिए 12 सीटें दी जानी चाहिए। हमें राज्य कैबिनेट में भी प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए।”
अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी पिछले साल जुलाई में राज्य में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में शामिल हो गई थी।आरपीआई (ए) भी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) गठबंधन का हिस्सा है।
मराठा आरक्षण पर क्या बोले अठावाले?
मराठा आरक्षण पर अठावले ने कहा कि उनकी पार्टी ने सबसे पहले इस मुद्दे को उठाया था। उन्होंने कहा कि मराठों को एक अलग श्रेणी के तहत आरक्षण दिया जाना चाहिए क्योंकि उन्हें अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के तहत शामिल करने से उस समूह की ओर से विरोध को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र सरकार को तमिलनाडु की आरक्षण प्रणाली का अध्ययन करना चाहिए और हर साल 8 लाख रुपये से कम कमाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के मराठों को आरक्षण दिया जाना चाहिए।”