लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष रामविलास पासवान का आज जन्मदिन है। नरेंद्र मोदी सरकार में उपभोक्ता मामलों के मंत्री के तौर पर जिम्मेदारी संभाल रहे पासवान 74 साल के हो गए हैं। वे  2014 में भी वो मोदी सरकार में इसी मंत्रालय को संभाल रहे थे। अपने लंबे राजनीतिक करियर में पासवान ने एक ऐसे नेता की पहचान बनाई है, जो सियासी हवा का रुख तेजी से भांपते हैं और उसी दिशा में बहने में देरी नहीं करते। उनके बारे में कहा जाता है कि सरकार किसी भी दल की बने मगर पासवान मंत्री जरूर बनते हैं। पिछले तीन दशक की सियासत में उन्हें लगभग हर प्रधानमंत्री के साथ काम करने का मौका मिल चुका है। पासवान इससे पहले वाजपेयी और मनमोहन सरकार में भी मंत्री रह चुके हैं।

पासवान ने दो शादियां की हैं। पिछले बिहार विधासनभा चुनाव के दौरान राम विलास पासवान की दो शादियों का मामला भी उछला था। जब तेजस्वी यादव ने उनके बेटे चिराग पासवान हमला बोलते हुए कहा था-चुनावी हलफनामे में उनके पिता रामविलास पासवान ने किस पत्नी का नाम लिख रखा है। दरअसल राम विलास पासवान की पहली शादी 1960 में राजकुमारी नामक महिला से हुई। पहली पत्नी से उन्हें ऊषा और आशा नामक दो बेटिया हुईं। कुछ साल बाद हवाई सफर के दौरान राम विलास पासवान की एयर होस्टेस रीना शर्मा से नजदीकियां बढ़ीं, जो प्यार में बदल गईं। पंजाबी लड़की रीना से 1983 में शादी करने के लिए राम विलास पासवान ने पहली पत्नी राजकुमारी को तलाक दे दिया। हालांकि इसकी जानकारी उनके करीबियों को ही रही, कभी इसे पासवान ने सार्वजनिक नहीं किया।

2014 में लोकसभा चुनाव के दौरान पासवान ने पहली बार खुलासा किया कि उन्होंने 1981 में ही पहली पत्नी से तलाक लिया था। दरअसल जदयू ने वैवाहिक स्थिति छुपाने को लेकर उनके नामांकन को चुनौती दी थी। जदयू प्रत्याशी ने आरोप लगाया था कि उन्होंने हलफनामे में पहली पत्नी राजकुमारी देवी का उल्लेख ही नहीं किया। जिस पर राम विलास पासवान के वकील ने जिला निर्वाचन अधिकारी को राजकुमारी से 1981 में हुए तलाक से जुड़े कागजात उपलब्ध कराए थे। हालांकि पासवान ने नामांकन पत्र में तीन बेटियों और एक बेटे की जानकारी दी। मगर यह नहीं बताया था कि उनकी संतानें दो पत्नियों से हैं। दूसरी पत्नी रीना से पासवान को एक बेटा चिराग और एक बेटी है। चिराग पासवान बॉलीवुड में अभिनय भी कर चुके हैं। मगर पहली ही फिल्म फ्लॉप होने बाद पिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए राजनीति में दस्तक दिए।बीजेपी से गठबंधन कर चिराग जुमई सीट से सांसद हैं। 2011 में उनकी रिलीज हुई फिल्म-मिले हम ना मिले तुम बॉक्स ऑफिस पर बुरी तरह फ्लॉप रही थी।

पांच जुलाई 1946 को बिहार के खगड़िया में एक दलित परिवार मे रामविलास पासवान का जन्म हुआ था। कई लोकसभा में वह हाजीपुर लोकसभा सीट का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं। एमए, एलएलबी करने के दौरान वह छात्र राजनीति में सक्रिय हुए। जेपी मूवमेंट से जुड़कर पहचान बनाई। 1969 में पहली बार संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी के टिकट पर विधायक बने। फिर पासवान ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा।