मप्र के खरगौन जिले में 12 साल के बच्चे को 2.9 लाख रुपये भरने का फरमान क्लेम ट्रिब्यूनल की तरफ से दिया गया है। उसके पिता को 4.8 लाख रुपये भरने को कहा गया है। कालूराम पेशे से किसान है। उसकी पत्नी का कहना है कि नोटिस मिलने के बाद बेटा सदमे में आ गया है। दोनों को राम नवमी पर भड़की हिंसा में शामिल बताया गया है। नुकसान की भरपाई के लिए ये नोटिस है।

शिवराज सिंह चौहान की सरकार ने बीते साल दिसंबर में प्रिवेंशन एंड रिकवरी ऑफ डेमेज टू पब्लिक प्रापर्टी एक्ट को मंजूरी दी थी। इस कानून के तहत जो लोग पत्थरबाज़ी या दूसरे किसी कारण शासकीय और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाते हैं। उनसे नुकसान का क्लेम वसूला जाएगा। सरकार का कहना है कि दंगाई, पत्थरबाज और दूसरों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। क्लेम ट्रिब्यूनल साक्ष्यों पर काम कर रहा है।

उत्तर सरकार ने भी इसी तरह का कानून बना हुआ है। लेकिन कई बार उसका दुरुपयोग होते भी देखा गया है। कालूराम और उसके बेटे को भेजे गए नोटिस में लिखा है कि उन्होंने पड़ोसियों की संपत्ति को नुकसान पहुंचाया है। लिहाजा उन्हें मुआवजा भरना होगा। 12 साल के बच्चे और उसके पिता कालूराम के साथ 6 और लोगों कोभी नोटिस भेजा गया है। लेकिन बाकी सभी बालिग हैं। मामले में पड़ोसियों की शिकायत पर एक्शन लिया गया है।

खरगौन में 12 साल के बच्चे की शिकायत करने वाली एक महिला है। उसका कहना है कि 10 अप्रैल को रामनवमी पर भड़की हिंसा से उसकी संपत्ति को नुकसान पहुंचा था। महिला का कहना है कि बच्चे ने उनके घरों में घुसकर लूटपाट की। ट्रिब्यूनल को राम नवमी हिंसा के मामले में 343 शिकायतें मिली थीं। इनमें से 34 स्वीकार की गई हैं। छह मामलों को निपटाया भी गया। इनमें से चार हिंदू थे जबकि बाकी दो मुस्लिम। अभी तक 50 लोगों से 7.46 लाख वसूल किए जा चुके हैं।