शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे राम मंदिर के अभिषेक में शामिल होने के लिए कोई निमंत्रण नहीं मिलने पर प्रतिक्रिया दी है। पूर्व सीएम ने कहा कि उन्हें अयोध्या आने के लिए किसी के न्योते की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भगवान राम किसी व्यक्ति या राजनीतिक दल की संपत्ति नहीं हैं। उन्होंने बीजेपी की भी आलोचना की और कहा कि पार्टी को मंदिर के अभिषेक को राजनीतिक कार्यक्रम नहीं बनाना चाहिए। ठाकरे ने यह भी दावा किया कि सेना यूबीटी ने अपने फंड से भी राम मंदिर के निर्माण में योगदान दिया है।

क्या बोले उद्धव ठाकरे?

महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव गुट) के प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा,“राम लला सभी के हैं। जब भी मेरी इच्छा होगी, मैं अयोध्या जाऊंगा, रामलला किसी एक पार्टी या व्यक्ति की संपत्ति नहीं हैं, रामलला अपने करोड़ों भक्तों के हैं, इसलिए भगवान राम के नाम पर राजनीति नहीं होनी चाहिए साथ ही, राम मंदिर बनाने का फैसला अदालत ने दिया था, सरकार ने नहीं लिया था।” हालांकि उद्धव ठाकरे का यह दावा राम मंदिर के अभिषेक में शामिल होने का निमंत्रण मिलने ना मिलने के विवाद के बीच आया है। कहा जा रहा है कि उद्धव ठाकरे को न्योता नहीं भेजा गया है।

उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे निमंत्रण मिला या नहीं, यह मुद्दा नहीं है। लेकिन सिर्फ एक व्यक्ति को इसका श्रेय नहीं लेना चाहिए, राम मंदिर के समर्थन में प्रचार करने और हिंदुत्व का समर्थन करने के लिए चुनाव आयोग ने बाल ठाकरे का मतदान अधिकार छीन लिया था, लाखों कारसेवकों ने राम मंदिर के लिए बलिदान दिया है।”

उद्धव ठाकरे ने कहा, “लालकृष्ण आडवाणी ने रथ यात्रा शुरू की थी और इसका श्रेय भी उन्हें ही जाता है। मेरी बात छोड़िए, मुझे पता चला है कि आडवाणी जी और मुरली मनोहर जोशी को भी निमंत्रण नहीं मिला है. राम मंदिर की लड़ाई आस्था का विषय थी और हमें खुशी है कि मंदिर बन रहा है।”