महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) से राज्यसभा सांसद नारायण राणे लोकसभा चुनाव से पहले बीजेपी और शिवसेना गठबंधन से बेहद नाराज हैं। राणे शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के धुर आलोचक माने जाते हैं। उन्होंने ऐलान किया है कि उनकी पार्टी ‘महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष’ हर उस लोकसभा सीट पर अपने प्रत्याशी उतारेगी जहां से शिवसेना का उम्मीदवार चुनाव लड़ेगा। उन्होंने कहा है,”मेरी पार्टी का उम्मीदवार सिर्फ यही सुनिश्चित करेगा कि शिवसेना का प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाए।”
राणे ने इस दौरान एक मराठी कहावत के जरिए शिवसेना और बीजेपी गठबंधन पर तंज कसा। जिसका मतलब था कि दोनों की एक दूसरे से पटती नहीं, और दोनों एक दूसरे के बिना रह भी नहीं सकते। उद्धव पर हमला बोलते हुए नारायण राणे ने कहा, “गठबंधन (बीजेपी-शिवसेना) मातोश्री के निजी फायदे के लिए किया गया है।” गौरतलब है कि ‘मात्रोश्री’ ठाकरे परिवार का निजी आवास है। उन्होंने यह भी कहा कि शिवसेना विश्वासनीय दल नहीं है।
बीजेपी पर किसी भी तरह कि टिप्पणी करने से इनकार करते हुए राणे ने कहा कि वह बीजेपी के सदस्य नहीं है। इसके अलावा बीजेपी और शिवसेना के गठबंधन को लेकर ना सिर्फ राणे बल्कि दूसरे विपक्षी दल भी निशाना साध रहे हैं। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के मुखिया शरद पवार ने भी तंज कसा है। शरद पवार ने कहा कि शिवसेना और बीजेपी का गठबंधन पहले से घोषित था। लेकिन, जिस तरह एक दूसरे के खिलाफ बयानबाजियां हुई हैं, उसे जनता बाखूबी याद रखे हुए है। मतदाताओं को बेवकूफ नहीं बनाया जा सकता। शरद पवार ने इस दौरान यह भी साफ कर दिया है कि लोकसभा चुनाव में वह खुद मैदान में उतरने वाले है, उनके भतीजे अजीत पवार चुनाव नहीं लड़ेंगे।