राज्यसभा में गुरुवार को भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी के बयानों पर हंगामा हुआ। उनके बयान से कई बातों को संसद की कार्यवाही से निकालना पड़ा। स्वामी ने अगस्ता वेस्टलैंड डील मामले को लेकर कांग्रेस पर हमला बोला। इस कांग्रेस के सांसदों ने एकजुट होकर पलटवार किया। सुब्रमण्यम स्वामी के बयानों पर डिप्टी चेयरमैन पीजे कूरियन ने भी नाराजगी जतार्इ। उन्होंने कहा कि आप अनावश्यक रूप से भड़काने वाले बयान ना दें।
शून्यकाल में सपा सांसद मुनवर सलीम के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) को लेकर दिए बयान के बाद हंगामे की शुरुआत हुई। सलीम ने कहा था कि 1970 में स्वामी ने एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को बनाए रखने की पैरवी की थी। इसके बाद स्वामी ने इटली से जुड़ा एक रैफरेंस दिया। डिप्टी चेयरमैन कूरियन ने इस पर कहा कि किसी अन्य देश के संविधान की बातों का यहां उल्लेख नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने स्वामी के बयान को कार्यवाही से निकालने का आदेश दिया। साथ ही मीडिया से भी कहा कि वे इसे रिपोर्ट न करें।
कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने स्वामी पर निशाना साधते हुए कहा,’यह संसद में उनका केवल दूसरा दिन है। इन दो दिनों में आप दो बार उनकी टिप्पणियों को निकाल चुके हैं। साल में 365 दिन होते हैं, कितनी बार आप उनके शब्द बाहर करेंगे। यह व्यक्ति समझदार हो चुके हैं लेकिन संसद और सड़क पर बोले जाने वाले शब्दों में अंतर नहीं समझते। वे अपने बालों को सफेद नहीं होने देते इसलिए उन्होंने कुछ नहीं सीखा।’
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स्वामी के बयानों से नाराज कांग्रेस सांसदों ने उन्हें सीआईए एजेंट कह डाला। शून्यकाल में स्वामी के बयान पर आजाद ने कहा,’ समस्या हमारी ओर से नहीं है। भाजपा के इस नए उपहार के चलते समस्या है। इसी कारण काम नहीं हो रहा है।’